
जयपुर-बीकानेर रूट का इन्वेस्टिगेशन करने पर हुए कई खुलासे, डेढ़ लाख से ज्यादा का हो रहा नुकसान






खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । राजस्थान में नेशनल हाईवे से हजारों गांव जुड़े हुए हैं। परिवहन विभाग ने इन्हीं गांवों को हाईवे से जोड़ने के लिए 2015 में लोक परिवहन सेवा शुरू की थी। 476 रूट पर 3000 बसों के परमिट जारी किए। इसका मकसद था ट्रांसपोर्ट की सुविधा से वंचित गांवों को जोड़ना, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कई गांव तो ऐसे हैं, जहां लोगों ने आज तक लोक परिवहन की बस नहीं देखी।
बात की जाए बीकानेर की तो गाँवो में आज भी लोक परिवहन बस नहीं जाती है । कई गांवों में पहुंच कर लोगों से भी बात की तो पता लगा कि आज तक बस को आते-जाते देखा ही नहीं है। उन्हें निजी वाहनों से ही आना-जाना पड़ता है।
बस ऑपरेटर इन रुट पर चलने के बजाय हाईवे पर चल रहे हैं, जहां का उनके पास परमिट तक नहीं है। परिवहन विभाग ने अकेले जयपुर-बीकानेर हाईवे पर 300 परमिट दिए गए थे। वहीं पर दो सौ से ज्यादा बसें बिना रूट के चल रही हैं।
लोक परिवहन बस ऑपरेटरों के रूट प्लान के फर्जीवाड़े का सच सामने आया है । जयपुर-बीकानेर रूट का इन्वेस्टिगेशन करने पर कई खुलासे हुए है ।
जयपुर-बीकानेर पर दो लाख का यात्री भार
खाटूश्याम जी में बाबा श्याम के दर्शनों के कारण जयपुर-बीकानेर काफी बिजी रूट रहता है। यहां पर रोजाना बसों और ट्रेनों से दो लाख से अधिक यात्री सफर करते है। लोक परिवहन बसों के बिना रूट के चलने से राजस्थान रोडवेज बसों को जयपुर-बीकानेर रूट पर डेढ़ लाख से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। रोडवेज की यहां पर करीब 30 बसें है, जिन्हें यात्री भार कम व बढ़ने पर कम-ज्यादा कर दिया जाता है। वहीं, सीकर संभाग में 300 बसों के परमिट है। स्लीपर की 40 बसें हैं। इनका ऑल इंडिया का परमिट होता है। जयपुर-बीकानेर रूट पर 20 गाड़ियों के एक दिन आने व एक दिन जाने का परमिट मिला हुआ है, जबकि 7 बसें ऐसी है जोकि रोजाना दो फेरे लगाती हैं।
ऑल इंडिया परमिट: 42 सीटर की बस है और उसके पास बीकानेर से जयपुर का रूट है तो वह सीधे हाईवे पर चलेगी। बीच में सवारी नहीं लेगी। इन पर 10 हजार का जुर्माना लगता है। 3 बार चालान होने पर परमिट को सस्पेंड कर दिया जाता है। जयपुर से दिल्ली रूट पर ऐसे अवैध तरीके से बसों को चलाया जा रहा है।


