
नहर बंदी के बीच ही नहर में आया जबरदस्त कटाव, हजारों लीटर पानी बह गया






बीकानेर। एक तरफ इंदिरा गांधी नहर परियोजना में नहर बंदी शुरू होने के साथ ही जल संकट खड़ा हो गया है, उधर कंगाली में आटा गीला करते हुए नहर के मोघे टूट रहे हैं। सोमवार को नहरी क्षेत्र में पेड़ गिरने से मोघा क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह गया। इसके साथ ही नहर बंदी के बीच पीने का पानी आगे के खेतों तक पहुंचाने का भी संकट खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार, इंदिरा गांधी नहर की पूगल ब्रांच में दो नहरों में कटाव आया है। ्य॥रू नहर में 13्य॥रू के पास ही क्रष्ठ 62 पर करीब 100 फीट का कटाव हुआ है। इससे भारी मात्रा में पानी बाहर धोरों में बेकार ही बह गया। ष्ठङ्खष्ठ नहर में 12 ष्ठङ्खष्ठ के पास 20 फीट का कटाव आ गया है। इसके अलावा 12 ष्ठङ्खष्ठ का एक मोघा भी टूट गया। एक ही दिन में नहर में तीन जगह से टूटने से हजारों लीटर पानी मिट्टी में बह गया, जिसका अब कोई उपयोग नहीं हो सकता।
नहर बंदी से भारी संकट
इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र में नब्बे दिन की नहर बंदी शुरू हो चुकी है। किसानों को सिर्फ पीने के लिए पानी दिया जा रहा है, लेकिन अब इस क्षेत्र में तो पीने का पानी पहुंचाना भी मुश्किल होगा। खासकर चकों में पीने का पानी नहर के इस मोघे से होकर ही पहुंचता था।


