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अमरनाथ हादसे में बड़ी गडबड़ी आई सामने, मृतक सुनीता वधवा की जगह दूसरी युवती का शव आया, परिजनों ने शव लेने से किया इंकार

श्रीगंगानगर। अमरनाथ में बादल फटने से श्रीगंगानगर के मरने वाली बिजनेसमैन की पत्नी का शव बदल गया। शनिवार रात श्रीनगर से दिल्ली पहुंचे शवों में रिटायर्ड  सुशील खत्री, कपड़ा व्यवसायी मोहनलाल वधवा के शवों की घरवालों ने पहचान कर ली। हादसे में मौत का शिकार हुई बिजनेसमैन मोहनलाल की पत्नी सुनीता वधवा की जगह किसी दूसरी महिला का शव दिल्ली पहुंचा। घरवालों ने सुनीता का शव नहीं होने पर उसे लेने से इनकार कर दिया।
वधवा परिवार के लोग अभी शव लेने के लिए दिल्ली में रुके हुए है। वहीं पहचान हो जाने पर सुशील खत्री का शव शनिवार रात दिल्ली से श्रीगंगानगर पहुंचा। खत्री का शव रविवार सुबह उनके मानसरोवर कॉलोनी स्थित आवास पर रखा गया है और दोपहर बाद अंतिम संस्कार किया गया।
नाम से हुई गड़बड़ी
असल में गड़बड़ी सुनीता वधवा के नाम से हुई। श्रीनगर से दिल्ली लाए गए शव पर नाम तो सुनीता वधवा ही लिखा था, लेकिन जब परिजनों को उसे दिखाया गया तो उन्होंने सुनीता वधवा होने से इनकार कर दिया। इस पर सुनीता नाम की अन्य महिला का शव दिखाया गया, लेकिन वह भी श्रीगंगानगर की सुनीता नहीं थी।
पूरी रात प्रयास के बाद भी श्रीगंगानगर की सुनीता वधवा का शव नहीं मिल पाने से परिजन रविवार सुबह तक शव लेकर श्रीगंगानगर नहीं पहुंच पाए। अब सुनीता वधवा के शव को लेकर दिल्ली से श्रीनगर तक पड़ताल की जा रही है।
मोहन वधवा के नजदीकी कपड़ा व्यापारी राजेंद्र छाबड़ा ने बताया कि सुनीता वधवा नाम के दो शव पहुंचे थे, लेकिन ये दोनों ही मोहन वधवा की पत्नी सुनीता के नहीं थे। अब शव के श्रीनगर में होने का पता लगा है। उसे जल्द ही एयर लिफ्ट करके दिल्ली और वहां से श्रीगंगानगर लाया जाएगा।
घर पहुंचा खत्री का शव
जहां एक ओर सुनीता के शव को लेकर परिजन सुबह तक पशोपेश में थे, वहीं श्रीगंगानगर के पूर्व ट्रैफिक थाना इंचार्ज सुशील खत्री के शव की पहचान हो जाने से उनके परिजन शव लेकर श्रीगंगानगर पहुंचे। सुबह शव उनके मानसरोवर कॉलोनी स्थित मकान पर पहुंचा। शव पहुंचते ही परिवार के लोग बिलख पड़े। खत्री का शव दर्शनार्थ रखा गया।

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