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बीकानेर में साईकलिस्ट खिलाडिय़ों के लिए फिट ट्रैक नहीं, मजबूरन हाइवे पर जान जोखिम में डाल करते हैं प्रैक्टिस, नेशनल खिलाड़ी हुई हादसे की शिकार

– साईकिलिंग प्रतियोगिता के लिए हाइवे पर प्रैक्टिस कर ही नेशनल खिलाड़ी सुमन सियाग को ट्रक ने मारी टक्कर, अस्पताल में भर्ती
खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर की साइकिलिंग रेस प्रतियोगिता की नेशनल खिलाड़ी को प्रैक्टिस के दौरान एक ट्रक ने टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस मामले में ट्रक चालक के खिलाफ घायल खिलाड़ी के पिता ने नाल पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है, जिसकी जांच हैड कांस्टेबल धर्मवीर कर रहे है। यह हादसा 17 जुलाई को नाल एयरफोर्स चौराहा से कुछ दूरी आगे मैन रोड़ पर हुआ। घायल खिलाड़ी के पिता बासी बरसिंहसर व हाल कृष्णा विहार कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश सियाग ने बताया कि उनकी पुत्री सुमन सियाग जो साइकलिंग में नेशनल खिलाड़ी है, जिसने ऑन इंडिया यूनिवर्सिटी में रजत पदक प्राप्त कर रखा है, नेशनल भी खेल चुकी है। 17 जुलाई को सुमन अपनी आगामी प्रतियोगिता के लिए साइकिल से प्रैक्टिस कर रही थी। इसी दौरान नाल एयरफोर्स चौराहा से कुछ दूरी आगे कोलायत तरफ एक ट्रक ने टक्कर मार दी। जिससे सुमन को गंभीर चोटें आई है। फिलहाल सुमन एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती है, जहां उसका इलाज जारी है। सियाग ने बताया कि एक मैजर ऑपरेशन भी हुआ। सियाग ने बताया कि ट्रक चालक के खिलाफ नाल पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया गया है।

खिलाडिय़ों के लिए नहीं ग्राउंड, जान जोखिम में डाल हाइवे पर कर रहे प्रैक्टिस

साइकिलिंग रेस में बीकानेर में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कई नेशनल खिलाड़ी दिए है, जिनमें कुछ ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीता है। वर्तमान में बीकानेर से बड़ी संख्या में युवा इस प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे हुए है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्राएं भी शामिल है। ओमप्रकाश सियाग ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी कविता सियाग साइकिलिंग नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडलिस्ट है और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, लेकिन बड़ी विड़ंबना है कि बीकानेर से इतने खिलाड़ी होते हुए भी उनके लिए प्रैक्टिस करने के लिए अलग से ग्राउंड नहीं है। हालांकि महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी में ट्रक में बना हुआ है, वह खिलाडिय़ों के लिए अनफिट है। ऐसे में खिलाडिय़ों को मजबूरन जान को खतरे में डालकर नेशनल हाइवे पर प्रैक्टिस करनी पड़ रही है। सियाग ने बताया कि सरकार व प्रशासन को इन खिलाडिय़ों के अनमोल जीवन के तरफ भी ध्यान देना चाहिए, ऐसा भी नहीं है कि ग्राउंड के लिए जमीन नहीं है, जमीनें बहुत पड़ी है, जिसमें एक जमीन में बच्चों के लिए ग्राउंड तैयार किया जा सकता है। जिससे बच्चे बैफ्रिक होकर अपने खेल की तैयारी कर सके। सियाग ने बताया कि यहां कई दफा नेशनल व राज्य स्तर की साइकिलिंग प्रतियोगिता करवायी जाती है, जो इसी नेशनल हाइवे पर करवायी जाती है, हालांकि उस दौरान ट्रैफिक एक साईड में करवा दिया जाता है, लेकिन इससे ट्रैफिक व्यवस्था भी बिगड़ती है।

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