
शहर में ब्याज माफियाओं पर नहीं लग रहा अंकुश, जाल में फंस रहे लोग सुसाइड करने पर हो रहे मजबूर






खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर में शहर में नशा, वैश्यावृति, सट्टा, भू-माफियाओं के साथ ब्याज माफिया भी बड़ा संख्या पनप चुके है। जिन पर अंकुश लगाने में पुलिस प्रशासन कहीं ना कहीं नाकाम साबित होता नजर आ रहा है। कुछ केस तो ऐसे भी सामने आए है, जिनमें पुलिस इन सबको सरक्षण देती हुई नजर आई है। ऐसे में सवाल भी उठे, खबरे भी प्रकाशित होती है, लेकिन नहीं होती वो है कार्रवाई। सूत्रों ने बताया कि शहर की ऐसी कोई कॉलोनी या मौहल्ला नहीं, जहां ब्याज का अवैध धंधा नहीं हो रहा। ब्याज माफियाओं के गिरोहे पनप चुके है, जो गरीब तबके व कमजोर लोगों को जरूरत पर पैसे उधार देते है और फिर मोटे ब्याज के साथ वसूल करते है। इनके चुंगल में आए अनेक लोगों ने आहत होकर अपनी जान भी दी है। सूत्रों ने बताया कि ब्याज माफियाओं की अवैध धंधे के चलते कई परिवार कंगाल हो गए, घर-जमीन तथा जेवरात के अलावा अन्य सभी कीमती सामान बेचने पड़ रहे है। वाहन तक उठा ले जाते है। कुछ ब्याज माफिया को ये सब गिरवी भी रख लेते है, जो मूल राशि चुगता करने के बावजूद भी वापिस नहीं लौटते। सूत्रों ने बताया कि मूल राशि पर दस से बीस रुपए सेकड़ों ब्याज वसूला जा रहा है। कोई व्यक्ति देने की स्थिति में नहीं होने पर उस पर दबाव बनाया जाता है, खाली चैक पर हस्ताक्षर करवाकर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाया दिये जाते है, उससे पहले मुकदमे का डर -भय दिखाया जाता है। कुछ मामले पुलिस थानों तक पहुंच जाते है तो कार्रवाई नहीं होती। सूत्र बताते है कि ब्याज माफियाओं की अप्रोच पीडि़त परिवारों को न्याय नहीं दिलाने देती। इसके पीछे भी मिलीभगत का खेल है। कुछ मामले थानों तक पहुंच जाते है और एफआईआर भी दर्ज हो जाती है, लेकिन जो कार्रवाई नहीं चाहिए वो हो नहीं पाती। इसी का नतीजा है कि आज शहर में जगह-जगह ब्याज माफियाओं का पूरा गिरोह चलने लगा है, जो मोटे ब्याज के जाल में लोगों को फंसाते है। इस ब्याज को चुगता नहीं करने की स्थिति में लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो रहे है। इस अवैध धंधे को रोकने व लोगों को आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे, अन्यथा यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा, आज किसी परिवार का सदस्य गया है तो कल अपने परिवार में भी किसी का नंबर लग जाएगा।


