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कोरोना की गाइडलाइन को लेकर बीकानेर में हो रहा है भेदभाव, परकोटे के अंदर किसी भी आदेश की नहीं हो रही पालना

बीकानेर। प्रदेश के मुखिया ने पूरे प्रदेशा में रात्रि 9 बजे के बाद बाजार बंद करने के आदेश जारी कर रखे है लेकिन कहते है कि बीकानेर में कोई नियम लागू नहीं होता है क्योंकि राजनैतिक संरक्षण का दबदबा है। प्राय: देखा जाता है थानाधिकारी मैन बाजार को बंद करवाने के लिए समय होते ही निकल जाते है लेकिन शहर के परकोटे के अंदर जाने की हिम्मत अब तक किसी भी थानाधिकारी ने रुचि नहीं दिखाई देती है। शहर के परकोटे के अंदर नत्थुसर गेट, बड़ा बाजार, मोहता चौक, जस्सूसर गेट, कोटगेट के कुछ क्षेत्रों में दुकाने देर रात्रि तक खुली रहती है और सभी दुकानों पर भीड़ रहती है पुलिस की गाडियां इनके आगे से निकलती है लेकिन इनको बंद कर नहीं कहती है और ना ही कोई आज तक शहर की किसी दुकान का चलाना काटा है। जबकि दिन में अगर कोई दुकानदार कोटगेट क्षेत्र में बैठा है तुरंत उसकी दुकान को सीज कर जुर्माना वसूल लिया जाता है। जबकि यह कार्यवाही शहर के अंदर नहीं क्यों ऐसा करने से अधिकारियों पर सवालिया निशाना लगता है कि वह भेदभाव का काम करते है। आज तक किसी भी पुलिस के अधिकारी या और किसी भी अधिकारी ने परकोटे के अंदर किसी दुकान का चलान काटा है। जबकि प्राय: देखा जाता है दुकानदार जमकर गाइडलाइन की धज्जिया उड़ रहे है। टैक्सी चालक व वाहन चालक तक मास्क नहीं लगते है। पर कोई कार्यवाही नहीं। क्योकि कोरोना सिर्फ केईएम रोड पर बनी दुकाने से ही फैलते है इसलिए वहीं कड़ी कार्यवाही की जा रही है। परकोटे के अंदर कार्यवाही नहीं होने से कही ना कही ऐसा लगाता है अधिकारियों पर राजनैतिक दबाब है उनके संरक्षण से ही देर रात तक दुकानें खुली रहती है।

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