कोरोना वायरस को लेकर हो रही है बेचैनी, तो करें ये उपाय

कोरोना वायरस को लेकर हो रही है बेचैनी, तो करें ये उपाय

कोरोना वायरस पर जीत का आधार है योग, संयम और संकल्प: योग गुरू दीपक शर्मा

बीकानेर। कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में जारी है, इसके कारण हम सभी अपने घरों में कैद हैं और अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित भी हैं। कोरोना वायरस हो या अन्य कोई भी फ्लू, लगभग सभी बीमारियों में हमारे प्रतिरक्षा तंत्र (इम्युन सिस्टम) की ही परीक्षा होती है। जिस व्यक्ति का प्रतिरक्षा तंत्र जितना मजबूत होता है, उसे बीमारियां उतनी ही कम प्रभावित करती हैं। योग गुरू दीपक शर्मा ने कहा कि इम्युनिटी बढ़ाने में योग-प्राणायाम की अहम भूमिका होती है। योग से शरीर पूर्णतया स्वस्थ रहता है। योग से प्रतिरोधक क्षमता बढऩे के साथ ही श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है। अमेरिका के एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने भी इसको माना है।

कई बीमारियों से लडऩे की देता है शक्ति:- योग-प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में काफी मददगार होते है। ये खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि बीमारियों में भी लाभदायक होते हैं। योग करने वाले व्यक्तियों में स्फॅूर्ति एवं ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर की नस-नाडियां की शुद्धि होने के साथ हमारी आतंरिक क्षमता जागृत होती है।

बढ़ती हैं श्वेत रक्त कणिकाएं:- नियमित योग करने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं में वृद्धि होती है। इन्हीं की वजह से हमारे शरीर में रोग से प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है। हमारे शरीर की रोगों से लडऩे वाली यह प्रणाली वायरस या कीटाणु के संक्रमण को स्वत: ही खत्म कर देती है।

ये पांच प्राणायाम कोरोना वायरस से लडऩे में करेंगे मदद:-
पांच तरह के प्राणायाम कर श्वसन तंत्र को मजबूत कर रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ा सकते है।

भस्त्रिका:-
विधि:- सबसे पहले किसी योगा मैट पर बैठ जाएं

अब गहरी सांस लें। अब पेट पर जोर देते हुए सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को करीब 3-5 मिनट तक करें।
लाभ:- भस्त्रिका प्राणायाम से शरीर की कोशिकाएं स्वस्थ रहती है और श्वसन क्रिया से जुड़ी कोई भी बीमारी आपकों नहीं होगी। पित्त और कफ को संतुलित रखता है।

 कपालभाति:-

विधि:- रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन में बैठें। इसके बाद तेजी से (1 सेंकण्ड में 1 स्ट्रॉक) नासिका के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर निकालें। साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें।

लाभ:- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए इस प्राणायाम को आप रोज सुबह और शाम को 5-10 मिनट तक करें। शरीर के अंगों को स्वस्थ रखने में सहायक। वजन को संतुलित करने में लाभप्रद।

 अनुलोम-विलोम:-

विधि:– एक शांत वातावरण में योगा मैट पर बैठकर अपने दाहिने हाथ के अंगूठे से, दायी नाक के छिद्र को बंद करके, बायीं नासिका छिद्र से सांस लें। अब बायीं नासिका छिद्र को अपनी मध्यमा एवं अनामिका उंगली से बंद करें और दायीं नासिका के छिद्र को खोलकर, इसके जरिए सांस छोड़ें। दूसरी ओर से भी इस प्रक्रिया को दोहराएं। इसे 5 से 10 मिनट अवश्य करें।

लाभ:- सामान्य सर्दी, खांसी और जुकाम नहीं होती है। श्वसन क्रिया बेहतर हो जाती है। इसके अलावा शरीर की इम्युनिटी मजबूत हो जाती है। हृदय रोगियों को स्वस्थ रखने में सहायक।

भ्रामरी:-
विधि:- अपने हाथों की पहली उंगली अपने ललाट पर रखे, शेष तीनों उंगुलियां आंखों पर और अंगूठे से कान बंद करके अपने मुह को बंद रखे और अपने नाक के माध्यम से सांस लें, फिर नाक से सांस बाहर निकालने हुए तीन बार ओउम् शब्द का गुंजन करें।

लाभ:- मन को शांत करने एवं क्रोध को दूर करने के साथ ही तनाव से मुक्त रखने में सहायक।

 उद्गीथ:- ओउम् शब्द का 3-5 बार उच्चारण करना। इससे माइग्रेन और अवसाद से निजात मिलती है।

इन 5 आसनों का भी करें नित्य अभ्यास:-

1. उष्ट्रासन: पाचन तंत्र को बेहतर कर भूख बढ़ाता है। कमर दर्द में भी आराम मिलता है।

2. पश्चिमोत्तानासन: यह यकृत और गुर्द से संबंधित रोगों से बचाव करता है।

3. पवनमुक्तासन: वायु विकार, कब्ज में राहत के साथ ही दुर्बलता को दूर करने में प्रभावी है।

4. उत्तानपादासन: पाचन तंत्र को सक्रिय बनाए रखने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को भी मजबूत करता है।

5. मंडूकासन:- मधुमेह, कोलाइटिस से मुक्ति में सहायक। पैंक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करने में मददगार। ऐसे में आपकी इम्यूनिटी बढ़ जाती है।

मानसिक तनाव को दूर करने के लिए अपनाए ये योगासन एवं प्राणायाम

लॉकडाउन के दौरान लोग स्मार्ट फोन एवं टेलीविजन के सामने अपना अधिकतम समय व्यतीत करते है ऐसे में उन्हें मानसिक तनाव, डिप्रेशन, एंजाइटी की समस्या के साथ उनकी आंखे कमजोर होना स्वाभाविक है। इस समस्या से निवारण के लिए उन्हें सुर्यनमस्कार, भुजंगासन, धनुरासन के साथ ही अनुलोम-विलोम, भ्रामरी एवं उद्गीथ प्राणायाम को करना चाहिए।

रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इनका करें सेवन:-
सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें। यदि आपको मधुमेह है तो शुगर फ्री च्यवनप्राश लें। 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दिन में एक या दो बार पीएं। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का से बनी हर्बल चाय का काढा दिन में एक या दो बार पीएं। गर्म पानी का सेवन करें। नीम-गिलोय का सेवन करें। इससे शरीर में इम्यूनिटी मजबूत होती है।

 इम्यूनिटी बूस्टर हैं ये पांच चीजें:-

 विटामिन सी- विटामिन सी सबसे ज्यादा खट्टे फलों में मौजूद होता है जैसे संतरा, मौसमी, किन्नू, स्ट्रॉबेरी, जामुन, नींबू और आंवला। विटामिन सी शरीर में श्वेत रक्त कोशिका को बनाता है जैसे कि इंफेक्शन से लडऩे में शरीर की मदद करता है।

 हल्दी:- रसोई में हल्दी से बढिय़ा कोई दवा नहीं है। हल्दी को दर्द निवारक भी कहा जाता है इसीलिए चोट लगने पर हल्दी और चूने का लेप लगाया जाता हे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी का सेवन नियमित रूप से करें।

अदरक:- अदरक एक गर्म खाद्य पदार्थ है। कफ और खांसी के इलाज में इसे रामबाण कहा गया है। अदरक का सेवन आपको इंफेक्शन और फ्लू से बचाता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप अदरक का सेवन सब्जी, चाय, काढ़ा आदि के रूप में कर सकते हैं। अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखता है और पुराने दर्द में भी काम करता है।

लहसुन- लहसुन को तामसी भोजन में शमिल किया गया है लेकिन यह एक औषधी है। लहसुन निम्न रक्तचाप और धमनियों को सख्त बनाने में मदद करता है। लहसुन में ‘एलिसिनÓ पाया जाता है जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जाना जाता है।

 पालक- पालक विटामिन सी का सबसे बड़ा स्रोत है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली की संक्रमण से लडऩे की क्षमता को बढ़ाते हैं।

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