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फिर नहर टूटी, नहीं मिला पानी, नहर बंदी से पहले नहर के टूटने से बड़ी समस्या सामने आई

बीकानेर। 26 मार्च से शुरू हुई आंशिक नहरबंदी के दौरान ही पंजाब सीमा में राजस्थान फीडर से पहचानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर आरडी 188 पर टूट गई।
हालांकि सोमवार से नहर दुरुस्त होकर वापस पानी मिलना शुरू हो गया लेकिन बीते 10 दिन जो पानी नहीं आया उससे कई शहरों के जलस्रोत आधे हो गए। उसे भरने के लिए अतिरिक्त पानी की तलाश में नहर अभियंता जुटे हैं लेकिन अभी चुनौती रुटीन पानी को पूरा करने की भी बनी हुई है। दरअसल आंशिक नहरबंदी के दौरान रोजमर्रा की प्यास बुझाने के लिए करीब 2200 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है जो 26 मार्च से ही मिलना शुरू हो जाना था मगर पंजाब में सरहिंद फीडर में कट लगाने के लिए 26 से दो अप्रैल तक पानी नहीं मिला।
इसी बीच पंजाब सीमा में राजस्थान फीडर से पहचानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर आरडी 188 पर टूट गई। इस वजह से चार दिन और पानी नहीं आया। यानी करीब 10 दिन तक रोजमर्रा का 2200 क्यूसेक पानी ना मिलने से पश्चिमी राजस्थान के 10 जिलों की दो करोड़ आबादी की प्यास जलाशयों में जमा पानी से हुआ। इस वजह से कई शहरों के जलस्रोत खाली हो गए। 26 अप्रैल से पूर्ण नहरबंदी शुरू होगी। पूर्ण नहरबंदी से पहले सभी जलाशयों को फुल करने का दबाव नहर विभाग पर है।
इसके लिए रुटीन के 2200 क्यूसेक के अलावा पानी चाहिए। इसका इंतजाम नहीं हो पा रहा। बीकानेर के जलाशय हालांकि ज्यादा खाली नहीं है। दोनों जलाशय करीब आधा-आधा मीटर ही खाली हैं लेकिन पूर्ण नहरबंदी शुरू होने में अब सिर्फ 13 दिन ही शेष हैं।
100 किमी नहर ठीक होनी थी, 38 किमी अब भी बाकी
पंजाब सीमा में करीब 100 किमी लंबी नहर की मरम्मत होनी थी। पिछले साल तक 62 किमी मरम्मत हो चुकी। करीब 38 किमी बाकी है। जहां आरडी 188 पर नहर की लाइनिंग टूटी वहां मरम्मत का इसी साल प्लान था। 60 दिन का समय मिला है। पंजाब अब उसे ठीक करने की योजना बना रहा है।

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