बीकानेर : जब हम घरों में कैद थे, बाजार में सन्नाटा था, तब इस हॉस्पीटल में 172 मरीजों को दिया गया जीवनदान - Khulasa Online बीकानेर : जब हम घरों में कैद थे, बाजार में सन्नाटा था, तब इस हॉस्पीटल में 172 मरीजों को दिया गया जीवनदान - Khulasa Online

बीकानेर : जब हम घरों में कैद थे, बाजार में सन्नाटा था, तब इस हॉस्पीटल में 172 मरीजों को दिया गया जीवनदान

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। डॉ. नितिन और डॉ. प्रवीण की जोड़ी ने कोरोना काल में भी 172 सर्जरी कर कैंसर मरीजों को न केवल जीवनदान दिया बल्कि आमजन की सेहत को समर्पित चिकित्सकीय पेशे को पुन: गौरवान्वित भी किया है। देश में कोरोना की आहट के बाद 22 मार्च से न केवल बाहरी दुनिया ही लॉकडाउन की वजह से थम गई बल्कि आम आदमी का जीवन भी इस वजह से पूर्णतया थम गया, नतीजऩ गम्भीर रोगियों तक को स्वास्थ्य सेवाएं मयस्सर नही हो पा रहीं थीं। अगर बात कैंसर जैसे भयावह रोग से ग्रसित मरीजों की हो तो स्थिति बड़ी विकट हो चुकी थी। विशेष रूप से मुंह व गले के कैंसर से पीडि़त रोगियों की सर्जरी करने को दूसरे शहरों के चिकित्सक सहमत तक नहीं थे, क्योंकि मुंह और कैंसर की सर्जरी के दौरान कोरोना से ग्रसित होने का खतरा अधिक बना रहता है। इस भीषण स्थिति में जब ऐसे मरीजों को चिकित्सक सर्जरी के लिए बुलाने से कतरा रहे थे तब बीकानेर की सुविख्यात ‘जीवन रक्षा अस्पतालह्य के कान नाक गला व कैंसर विशेषज्ञ डॉ. नितिन गुप्ता और डॉ. प्रवीण छींपा ने मिलकर तय किया कि उन तक पहुंचने वाले गम्भीर मरीजों को सर्जरी के लिए ना नहीं कहा जाएगा।
दोनों ने मिलकर इस विकट समय में भी यह बीड़ा उठाया और इस हेतु एक समर्पित टीम का गठन किया जिसमें डॉ. नितिन और डॉ. प्रवीण के साथ-साथ डॉ. धनपत डागा (एनेस्थेटिस्ट), डॉ. सविता राठी (एनेस्थेटिस्ट) डॉ. रश्मि जैन (एनेस्थेटिस्ट) और अस्पताल के श्रेष्ठ नर्सिंग कर्मियों को शामिल किया गया। सभी मरीजों में छोटे से लेकर गम्भीर स्थिति वाले मामले भी थे। बहुत से ऐसे थे जिनकी सर्जरी में 8 से 10 घण्टे तक का लंबा समय लगा, परन्तु अंतत: सभी मरीजों को आशातीत स्वास्थ्य लाभ मिला।

22 मार्च लॉकडाउन की शुरुआत के बाद इस समर्पित टीम ने अब तक दस-बीस नहीं बल्कि 172 सफलतम सर्जरी कर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के रोगियों को जीवनदान दिया है। डॉ. नितिन और डॉ. प्रवीण की जोड़ी लगातार पिछले 10 वर्षों से मुंह व गले के कैंसर से पीडि़त रोगियों की सफल सर्जरी करती आई है। इन दोनों चिकित्सकों से इलाज करवाने मरीज केवल बीकानेर और आसपास के इलाकों से ही नहीं बल्कि देश के हर कोने से आते हैं।

डॉ. नितिन ने कहा कि कैंसर एक गम्भीर बीमारी है और जब रोगी को सर्जरी की आवश्यकता होती है तो इसे लम्बे समय तक टाला नहीं जा सकता। लम्बे समय तक टालने पर बीमारी एडवांस स्टेज तक पहुंच जाती है और मरीज के जीवन को खतरा बढ़ जाता है। कैंसर के इलाज में समय ही सफलता की कुंजी है। डॉ. प्रवीण ने बताया कि 172 सफल सर्जरी का आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि मेडिकल सेवाओं में हमारा शहर और यहाँ के चिकित्सक किसी से कम नहीं हैं और कैंसर जैसी बीमारी के इलाज में बीकानेर ने पूरे देश में जो प्रतिष्ठा बनाई है उसे अक्षुण रखना हमारा पहला कर्तव्य है। अत: इस कोरोना काल में भी हमने मरीजों को निर्बाध सेवाएं देने का फैसला किया।

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