ठेकेदार ने सौ फीट तिरंगा गायब कर दिया - Khulasa Online ठेकेदार ने सौ फीट तिरंगा गायब कर दिया - Khulasa Online

ठेकेदार ने सौ फीट तिरंगा गायब कर दिया

श्रीगंगानगर। देश की आन-बान और शान का प्रतीक हमारा राष्ट्रीय ध्वज के फहराए रहने से नगर विकास न्यास प्रशासन को अब परहेज होने लगा है। करीब बीस दिन पहले स्वतंत्रता दिवस पर करीब चार महीने के लंबे अंतराल के बाद इस ध्वज को लगाया गया था लेकिन इन बीस दिनोंं में इतनी बरसात और आंधी भी नहीं है कि जिसे ध्वज को उतरना पड़े। यूआईटी का आलम यह है कि भारत माता चौक पर इस ध्वज को बिना अनुमति और बिना कारण से बार बार उतरा जा रहा है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के नुमाइंदों ने भी इस ध्वज को मनमजी से फहराने या उतारने के संबंध में आवाज तक नहीं उठाई है। करीब एक साल पहले यूआईटी प्रशासन ने सुखाडिय़ा सर्किल भारत माता चौक पर बीकानेर संभाग का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज स्थापित कराया था। इस पर करीब साढ़े ग्यारह लाखरुपए का बजट खर्च किया गया था। गत एक साल से महज चार महीने ही यह ध्वज लहराया गया है, शेष आठ महीने नगर विकास न्यास के ठेकेदार की मनमर्जी की वजह से यह ध्वज नहीं फहराया गया। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस से पहले दिन 14 अगस्त 2018 को नगर विकास न्यास प्रशासन ने सुखाडिय़ा सर्किल भारत माता चौक पर 100 फीट ऊंचा तिरंगा ध्वज लगाया गया था, इस दिन राज्य सरकार के आदेश पर मानव श्रृंखला भी बनाई गई थी। यह इलाके में सबसे ऊंचे तिरंगा ध्वज फरहाया तब क्षेत्रवासी देखकर झूम उठे थे। भारत माता के जयघोष के बीच इस ध्वज को स्थापित करने पर दोहरी खुशीमिली थी। इसी चौक पर भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक टैंक भी स्थापित किया हुआ है। यूआईटी ने इस 100 फीट ऊंचे तिरंगे ध्वज को स्थापित करने के साथ साथ अगले दो साल तक इसके रखरखाव के लिए ठेका फर्म को अधिकृत किया हुआ है। दिल्ली से मंगवाए गए इस सिस्टम में बार बार खराबी आती रही है। इस ध्वज को रात के समय आमजन को दिखाई दे, इसके लिए ध्वज के लिए बनाए गए पोल के आसपास दो और पोल चार चार सौ वॉट की लाइटिंग के लिए स्थापित किए लेकिन आज तक ये लाइटिंग सिस्टम कभी ऑन ही नहीं हो पाए है। यहां तक कि हाई मास्क लाइट भी पिछले दो महीनें से खराब पड़ी है। जिम्मेदारी अब तक तय नहीं राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में आचार संहिता भी लागू है। इसमें यह तय किया जाता है कि ध्वज को कब और कौन फहरा और उतार सकता है। उसे ससम्मान उतारने के उपरांत कहां रखना है, यह जानकारी भी तय होती है। लेकिन एक सौ फीट ऊंचे ध्वज के संबंध में यूआईटी ने रजिस्टर भी संधारित नहीं किया है। सिर्फ नोडल अफसर को नियुक्त किया गया है, उसे भी ध्वज उतारने या लगाने की तिथियों के बारे में जानकारी नहीं है। कब कब नए ध्वज को खरीदकर लगाया गया, पुराने या क्षतिग्रस्त हुए ध्वज को कहां पर और किसके पास है, इसकी भी जानकारी नहीं है

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