
युवक ने हुस्न के जाल में देश के साथ की गद्दारी






जोधपुर। सीमावर्ती जैसलमेर जिले में जासूसी रुकने का नाम नहीं ले रही है। जैसलमेर के चांदण गांव से खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक युवक को पकड़ा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जाल में फंसकर हनी ट्रैप का शिकार हुए इस युवक से पूछताछ की जा रही है। पाकिस्तानी युवतियों के सौंदर्य के मोहपाश में यह युवक ऐसा जकड़ा कि देश के साथ गद्दारी कर बैठा।
चांदण में भारतीय वायु सेना की फायरिंग रेंज है। सेना के सभी महत्वपूर्ण हथियारों व गोला बारूद का परीक्षण इसी रेंज में किया जाता रहा है। देश के परमाणु परीक्षण भी इसी रेंज के निकट ही हुए थे। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से यह रेंज बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस गांव के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के युवक को एटीएस व इंटेलीजेंस ने कल देर रात फोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर पकड़ लिया। खुफिया एजेंसियां काफी दिनों से उस पर नजर रखे हुए थी। पकड़ा गया युवक बहुत शातिर निकला और पाकिस्तान से होने वाली प्रत्येक कॉल को हाथों हाथ डिलीट कर देता। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने आईएसआई को क्या-क्या जानकारी भेजी है। खुफिया एजेंसियां उसके मोबाइल से डेटा रिकवर करने का प्रयास कर रही है। ताकि इसके माध्यम से भेजी गई सूचनाओं की जानकारी जुटाई जा सकें।
आईएसआई ने पूरे क्षेत्र में स्लीपर सेल का जाल बिछा रखा है। ये ऐसे एजेंट्स होते है जो हमेशा सक्रिय नहीं रहते। लेकिन आवश्यकता पडऩे पर कभी कभार कुछ महत्वपूर्ण जानकारी खिसका देते है। इन लोगों का मुख्य कार्य ही सैनिकों व सरपंचों को मोबाइल नंबर एकत्र कर पाकिस्तान भेजना होता है। इसके बाद महिला एजेंट्स इनसे संपर्क साध अपने जाल में फंसाना शुरू कर देती है।
हो सकते है कई महत्वपूर्ण खुलासे
हनी ट्रैप का शिकार हुए युवक से खुफिया एजेंसियां संयुक्त रूप से पूछताछ में जुटी है। उन्हें उम्मीद है कि इससे कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं। अभी तक की पूछताछ में युवक ने इतना ही स्वीकार किया है कि वह सिर्फ बात करता था और उसने कोई जानकारी शेयर नहीं की। मोबाइल से उड़ाए गए डेटा के आधार पर लग रहा है कि वह झूठ बोल रहा है।
हनी ट्रैप के जाल में ऐसे फंसा
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के स्लीपर सेल जैसलमेर में सक्रिय हैं। वे यहां से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों के नंबर भेजते रहते हैं। इसके बाद शुरू होता है हनी ट्रैप का खेल। आईएसआई की महिला एजेंट्स ऐसे लोगों को लगातार फोन कॉल कर अपने जाल में उलझाती रहती है। ये महिलाएं वीडियो कॉल के जरिये बातचीत कर शिकार को अपने मोहजाल में फंसाती है। बातचीत करते हुए ये महिलाएं अपने कपड़े उतारती जाती हैं। एक बार शिकार जाल में फंसने के बाद ये उसे बदनाम करने की धमकी देकर क्षेत्र में सेना की हलचल सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मांगती रहती है। इनके जाल में फंसा व्यक्ति कभी बाहर नहीं निकल पाता है।
पूर्व में भी हो चुके हैं मामले
जैसलमेर क्षेत्र में हनी ट्रैप का यह पहला मामला नहीं है। पूर्व में कुछ लोग इस तरह हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं। गत वर्ष लाठी क्षेत्र के एक प्रभावशाली व्यक्ति की इसी तरह पकड़ा गया था। इसी तर्ज पर गत कुछ बरसों में इस क्षेत्र से लगातार लोग पकड़े गए हैं।


