
ये क्या… नहरबंदी के बीच सीवरेज बिछाते एक दिन में इतनी जगह तोड़ दी पानी की लाइन







ये क्या… नहरबंदी के बीच सीवरेज बिछाते एक दिन में इतनी जगह तोड़ दी पानी की लाइन
बीकानेर। नहरबंदी और अमृत-2 के तहत हो रहे कामों में अब एक समस्या खड़ी हो गई है। जब रोज सप्लाई होती थी तब तक तो पीएचईडी मामला संभाल रहा था मगर एक दिन छोड़कर हो रही सप्लाई के बीच जमीन के नीचे टूट रही पाइप लाइन से जितनी समस्या आमजन को है उतनी ही पीएचईडी को होने लगी है। सीवरेज बिछाते समय ट्रेंचलेस से जमीन के नीचे ही पाइप लाइन टूट रही। पीएचईडी के रिकॉर्ड में आया कि एक दिन में 17 जगह लाइन टूटी थी।
दरअसल चौतीना कुआं में हो रहे गंदे पानी की सप्लाई के बाद पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने सोमवार को विभाग के सभी जेईएन-एनईएन और एक्सईएन की मीटिंग बुलाई। कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि एक तो जनता एक दिन की कटौती से वैसे ही परेशान है। अगर विभाग की लापरवाही से जनता परेशान हुई तो ये ठीक नहीं होगा। अगर कोई अभियंता काम नहीं करना चाहता तो छुट्टी लेकर चला जाए। विभाग दूसरे से काम करा लेगा लेकिन जनता के लिए किसी भी स्तर से ढिलाई सहन नहीं होगी।
मीटिंग में ही तब सामने आया कि इस वक्त सबसे बड़ी समस्या लीकेज की हो रही है। अमृत-2 के तहत बिछाई जा रही सीवरेज लाइन के कारण एक ही दिन में 17 जगह लाइनें तोड़ी गईं। क्योंकि सीवरेज का काम ट्रेंचलेस है। जमीन के नीचे लाइन टूट गई लेकिन सीवरेज वाले अपने पाइप डालकर गड्ढे ढककर चले जाते हैं। ऐसे में लीकेज तलाशना मुश्किल हो रहा है। पीएचईडी ने इसके लिए निगम प्रशासन और जिला प्रशासन के समक्ष ये बात रखने का आश्वासन दिया मगर जमीनी इंजीनियर्स की टीम ने कहा कि सीवरेज के काम नहरबंदी तक अगर रोक दिए जाएं तो और आसानी होगी। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने शहर के सभी सार्वजनिक टोंटियों और जगह-जगह लीकेज रोकने की हिदायत दी।

