
परिजनों से दूर रहकर बने है कोरोनो के योद्धा





बीकानेर। पूरे देश में कोरोना वायरस को लेकर लोगों में भय बना हुआ है। वहीं चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रात दिन सेवा में लगे है। ऐसे ही एक परिवार है के पति- पत्नी दोनों ही अपने बच्चों से दूर रहकर रोगियों की सेवा में लगे है। अमरपुरा बास भीनासर निवासी भंवरलाल ईणखिया मेघवाल व उनकी पत्नी शोभना जो कि नर्स है पीबीएम के मनोरोग विभाग में लेकिन अभी इनकी ड्यूटी कोरोना आईसोलेशन वार्ड में नर्सिग स्टाफ प्रभारी के रुप में लगी हुई है। शोभना पिछले 22 मई से अपने बच्चों व परिवार से दूर है वो अभी तक एक भी दिन भी घर नहीं आये है। कोरोना योद्वा के रुप में जंग जीतने में लगे है। वहीं इनके पति भंवरलाल ईणखिया वरिष्ठ अध्यापक नाथूसर गांव में कार्यरत है जो वर्तमान में कोरोना योद्वा के रुप में बरसिंगसर नवेली चौराहे के नांके पर आने जाने वालों को चैक करने की ड्यूटी लगी हुई थी। दो छोटे बच्चों को प्रियांशु व प्रियम दोनों ने इस दौरान अपने दादा दादी के पास रहकर पापा मम्मी का साथ दिया। दोनों पति- पत्नी के मन में एक ही जुनून की वैश्विक महामारी कोरोना की जंग को जीतना है।


