
अस्पताल का कोरोना वार्ड बना अखाड़ा दो पक्ष कोरोना वार्ड में भिड़े






भरतपुर। भरतपुर के जिला आरबीएम अस्पताल के कोरोना वार्ड का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दो पक्ष आपस में झगड़ते हुए नजऱ आ रहे हैं। दोनों पक्ष एक ही परिवार के हैं। ये मरीज के साथ कोरोना वार्ड में प्रवेश कर गए थे। इसी बीच मरीज की प्रॉपर्टी नाम करने को लेकर कहा सुनी हो गई। यह कहासुनी हाथापाई में बदल गई। फिर दोनों पक्षों में जमकर लात-घूंसे चले। इनसे काम नहीं चला तो यहां वार्ड में रखे पैडल स्टैंड पंखे उठा-उठा कर एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो गए।
एक बार तो यहां वार्ड में मरीजों, नर्सिंगकर्मियों को कुछ समझ नहीं आया कि आखिर माजरा क्या है। ये तो एक ही मरीज के परिजन हैं, लेकिन जब बात बढ़ी तो नर्सिंगकर्मियों ने उन्हें रोका। बमुश्किल उन्हें शांत किया।
पत्नी बोली- मैं अपने पति को किडनी तब ही दूंगी जब उसकी प्रॉपर्टी मेरे नाम होगी
जानकारी के मुताबिक धानोता गांव के निवासी रूपकशोर की किडनी खराब हो गई थी। और वह कोरोना से संक्रमित भी था। जिसे जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था। रूपकिशोर के परिजन रूपकिशोर की पत्नी से मांग कर रहे थे कि वह अपने पति को किडनी डोनेट करे। जिससे उसकी जान बच जाए। लेकिन रूपकिशोर की पत्नी का कहना था कि जब तक रूपकिशोर अपनी संम्पति मेरे नाम नही करेगा। तब तक वह किडनी नही देगी।
वहीं दूसरी तरफ रुकिशोर का छोटा भाई अपनी पत्नी की किडनी रूपकिशोर को देने के लिए राजी था। लेकिन ये सब रूपकिशोर की पत्नी को मंजूर नही था। इस बात को लेकर रूपकिशोर की पत्नी और उसके परिजनों में झगड़ा चल रहा था। लेकिन जब रूपकिशोर को कोरोना हुआ और उसे जिला आरबीएम अस्प्ताल के कोरोना वार्ड में एडमिट किया गया, तब तक रूपकिशोर की पत्नी ने अपने परिजनों को भरतपुर बुलवा लिया। इसके बाद वो और उसके ससुराल वाले जिला आरबीएम अस्प्ताल के कोरोना वार्ड में ही भिड़ गए। हालांकि दोनों ने इसको लेकर कही मामला दर्ज नही करवाया है।
जिसे बचाने के लिए संपत्ति का झगड़ा हुआ, उसी की मौत
पत्नी किडनी तब देती जब रूपकिशोर की संपत्ति उसके नाम की जाती। यानी रूप किशोर इस झगड़े न केवल दोनों परिवारोंं के बीच बल्कि कोरोना और किडनी की बीमारी के बीच फुटबॉल बन गया। और अंतत: उसकी जान ही चली गई।
पुलिस फोर्स तैनात, फिर भी घटना, क्करूह्र ने पल्ला झाड़ा
स्वास्थ्य केंद्र अधिकारी जिज्ञासा साहनी का कहना है, वायरल वीडियो के माध्यम से ये मामला मुझे पता लगा कि कोरोना वार्ड में दो पक्ष आपस उलझ गए थे। हालांकि अस्पताल में डॉक्टरों और मरीजों के परिजनों के लिए पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया हुआ है, उसके बाद भी अगर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो ये बहुत दुखद है। कुछ दिनों पहले अस्पताल में डॉक्टरों की भी पिटाई हुई थी। उस घटना को लेकर पुलिस को बताया गया था। अस्पताल प्रशासन एक मरीज के साथ उसका एक ही परिजन अंदर जा सकता है। ये सारी व्यवस्था वार्ड के बाहर तैनात पुलिसकर्मी देखते हैं। अगर एक मरीज के साथ इतने परिजन जाते हैं तो इसमें गार्ड की कहीं न कहीं लापरवाही है।


