
करंट लगने से हुई रेजिडेंट डॉक्टर की मौत पर हड़ताली डॉक्टरों ने आज हड़ताल समाप्त की






करंट लगने से हुई रेजिडेंट डॉक्टर की मौत पर हड़ताली डॉक्टरों ने आज हड़ताल समाप्त की
बीकानेर। उदयपुर में करंट लगने से हुई रेजिडेंट डॉक्टर की मौत के मामले में पिछले कुछ दिनों से प्रदेशभर में रेजिडेंट्स डॉक्टर्स विरोध कर रहे थे और अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रखी थी। इस हड़ताल के चलते मरीजों को ईलाज में काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन अब यह परेशानी खत्म होने वाली है, क्योंकि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने पूर्व कार्य बहिष्कार के निर्णय को वापिस लेते हुए काम पर लौट आए हैं। हालांकि हर दिन दो घंटे का सांकेतिक पेन डाउन डॉक्टर्स रखेंगे। एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुजन सोनी ने बताया कि आरडीए ने बैठक कर मरीजों हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया कि उनकी हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी हो रही है, ऐसे में पूर्ण कार्य बहिष्कार के निर्णय को वापिस लिया जाए और मरीजों को ईलाज करते हुए घटना का विरोध जारी रखा जाए। ऐसे में रविवार से रेजिडेंट्स डॉक्टर्स काम पर लौट आए हैं, हालांकि दो घंटे की पेन डाउन जारी रखेंगे। वहीं, डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के एसोसिएशन से सरकार से भी अपनी मांगों को लेकर वार्ता हुई है, बताया जाता है कि यह वार्ता भी सकारात्मक रही है। इस बीच हॉस्पिटल प्रशासन ने भी मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए दोनों की मध्यस्थता की, जो सकारात्मक रही। रेजिडेंट्स एसोसिएशन के इस निर्णय सेमरीजों को राहत मिलेगी।
इसलिए गड़बड़ा जाती है पीबीएम अस्पताल की व्यवस्था
दरअसल, मेडिकल कॉलेज संबंधित करीब 550 रेजिडेंट्स पीबीएम अस्पताल में कार्यरत्त है। इमरजेंसी वार्ड से लेकर वार्डों में इन्हीं रेजिडेंट्स के कंधों पर मरीजों के ईलाज का जिम्मा होता है। राउंड द क्लॉक ड्यूटी देने वाले ये सभी डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग तरीकों से हड़ताल कर रहे थे। पहले इन्होंने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया, लेकिन सरकार ने इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो इन्होंने पूर्ण हड़ताल कर दी। जो लगभग तीन दिन तक चली। इस दौरान मरीजों को काफी परेशानी हुई है। गंभीर रोगियों के सिवाय अन्य मरीजों के ऑपरेशन टाले गए। कुछ को घर पर रहकर ईलाज लेने के लिए सलाह दी गई, क्योंकि मेडिकल कॉलेज के पास इतने सीनियर डॉक्टर नहीं है, जो सारे मरीजों का ध्यान रख सके। यहां हर रोज करीब दस हजार नए मरीज ईलाज के लिए पहुंचते है, जिनका ईलाज का जिम्मा रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के कंधों पर होता है। सीनियर्स डॉक्टर्स तो राउंड निकालकर चले जाते है, उसके बाद मरीजों को देखने का काम रेजिडेंट्स ही करते हैं। ऐसे में एक साथ सभी रेजिडेंट़्स अपनीमांग को लेकर हड़ताल पर चले जाने से पीबीएम अस्पताल की सारी व्यवस्था गड़बड़ा जाती है।

