
राज्य सरकार ने रजिस्ट्री करवाना हुआ महंगा, 6 साल बाद कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ाई



राज्य सरकार ने रजिस्ट्री करवाना हुआ महंगा, 6 साल बाद कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ाई
जयपुर। राजस्थान में मकान, दुकान समेत अन्य कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाना महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने इस बार रजिस्ट्री फीस (स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क) और जमीन की डीएलसी दरें न बढ़ाकर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट (निर्माण लागत) को बढ़ाया है।
इसका असर आमजन के मकान, दुकान, फ्लैट की खरीद पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि शहरों और छोटे कस्बों में जो संपत्तियां खरीदी जाती हैं, उनकी खरीद वैल्यू सरकार की मिनिमम वैल्यू (डीएलसी दर और कंस्ट्रक्शन कॉस्ट) से ज्यादा ही होती है।
सरकार ने इस बार रजिस्ट्री फीस (स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क) और जमीन की डीएलसी दरें न बढ़ाकर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट (निर्माण लागत) को बढ़ाया है।वित्त विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक, अब आरसीसी छत वाले कंस्ट्रक्शन की वैल्यू को 1200 रुपए से बढ़ाकर 1800 रुपए प्रति वर्ग फीट कर दिया गया है। यानी कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में 600 रुपए प्रति वर्ग फीट का इजाफा किया गया है।इसके अलावा, अगर किसी जमीन पर मल्टी स्टोरी शॉपिंग मॉल बना है, जिसमें बेसमेंट, मल्टीप्लेक्स है, तो उसमें कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 1815 रुपए से बढ़ाकर 2100 रुपए कर दी गई है। इसी तरह, बिना मल्टीप्लेक्स वाले शॉपिंग मॉल की लागत को 1430 से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है।इसी तरह, किसी जमीन पर होटल, क्लब (5 सितारा रेटिंग या उससे ऊंची कैटेगरी) का बना है तो उसकी कंस्ट्रक्शन कॉस्ट को 2090 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए और पांच सितारा से नीचे की कैटेगरी के होटल की निर्माण लागत को 1595 से बढ़ाकर 2100 रुपए कर दिया गया है।
बाउंड्रीवाल की रेट 100 रुपए बढ़ी
कोई ऐसी जमीन जो खाली है और उस पर केवल बाउंड्रीवाल ही बनी है, तो उसकी निर्माण लागत को भी बढ़ाया गया है। पहले यह बाउंड्रीवाल की लागत 400 रुपए प्रति रनिंग मीटर थी, जिसे बढ़ाकर अब 500 रुपए कर दिया गया है।
इसी तरह, औद्योगिक प्लॉट पर बने शेड या वेयरहाउस की लागत 5000 रुपए कर दी गई है, जबकि इससे पहले इसकी गणना 4000 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से की जाती थी।




