
बॉलीवुड और पंजाब के नक्शे कदम पर बीकानेर में नशे की काली छाया






बीकानेर। ड्रग्स के मामले में बदनाम बॉलीवुड और पंजाब के नशे की काली छाया से बीकानेर जिला भी अछूते नहीं बचे हैं। अंतराष्ट्रीय सीमा से लेकर से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक नशे की घुसपैठ हो चुकी है।जिले में युवा के जड़ों में नशा इस कदर रचा बसा हुआ है कि इसकी रोकथाम के लिए किए जाने वाले तमाम प्रयास बौने नजर आते हैं। यहां सस्ते से लेकर महंगा हर तरह का नशा प्रचलन में है। बीकानेर में नशे की गोलियां, चिट्टा, पोस्त, स्मैक, गांजा का प्रचलन है तो इसके अलावा शराब भी बड़े पैमाने पर नशे के रूप में इस्तेमाल होती है। हेरोइन तस्करी के मामले भी जिले में पकड़ में आए हैं।जानकार बताते हैं कि काम करने वाले श्रमिकों से ज्यादा काम लेने के लिए पोस्त की चाय पिलाई जाती थी। जिसका असर बीकानेर व आसपास केगांवों आया था। बाद में पोस्त बंद हो गई। इसके बाद भी नशे की मांग बरकरार रही। इसके चलते लोगों ने नशे की गोलियों का सहारा लेना शुरू कर दिया। नशे की गोलियां भी एनडीपीएस एक्ट में आ गई। अब चोरी छिपे, पोस्त व नशे की गोलियों की तस्करी हो रही है। जो पुलिस के भरसक प्रयासों के बाद भी रुक नहीं पा रही।
ऑपरेशन प्रहार के तहत तस्करों पर निरंतर कार्रवाई कर रहे हैं। मगर नशे जैसी समस्या से सबको मिलकर लडऩा होगा। यह कानून- व्यवस्था के साथ-साथ बड़ी सामाजिक समस्या भी है।


