उदासर में किये गये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की बू,शिकायत के बाद क्यों नहीं हो रही जांच - Khulasa Online उदासर में किये गये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की बू,शिकायत के बाद क्यों नहीं हो रही जांच - Khulasa Online

उदासर में किये गये निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की बू,शिकायत के बाद क्यों नहीं हो रही जांच

खुलासा न्यूज,बीकानेर। सरकारें चाहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिये कितना ही शिकंजा क्यों न कस ले। फिर भी इसकी जड़ों को उखाडऩे में नाकामयाब रहती है। जिसकी वजह साफ है कि भ्रष्टाचार की शिकायतें होने के बाद उस पर कार्यवाहियां दिखावटी होती है। जिसकी वजह से भ्रष्टाचार करने वाला न केवल बच जाता है,बल्कि उसके इस हौसले से दूसरों को ओर ताकत मिलती है। कुछ ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत उदासर का है। जिसमें पूर्व सरपंच जेठी देवी के कार्यकाल 2015-20 तक में नालियों व सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग करने तथा इन कार्यों में लगे श्रमिकों के झूठे मस्टरोल भरकर भुगतान उठाने की शिकायतों के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। ग्रामीणों की ओर से लगाई गई अनेक फरियादों के बाद भी न तो जिला प्रशासन की ओर से और न ही राज्य सरकार की ओर से इनकी निष्पक्ष जांच हुई है। शिकायतकर्ताओं ने जिला कलक्टर व जिला परिषद के सीईओ को दिए ज्ञापनों में अवगत कराया कि उदासर गांव के हुडका कॉलोनी में बनाई गई नालियों में भारी अनियमितताएं बरती गई। तीस फीट की इस गली में कही 12 तो कही 15 फीट तो कही पर 22 फीट नाली बना दी है। निर्माण कार्य में लगाएं गये मेटेरियल में भी गुणवता नहीं है। यहीं नहीं सीसी ब्लॉक लगे भी उखड़ गये है। नालियां के ढलान भी सही नहीं होने से इन पर लगा सरकारी रूपयों भी व्यर्थ हो गया।
मस्टरोल में दिव्यांगों के नाम से उठे रूपये
मजे की बात तो यह है कि बीएफसी मद में लाखों रूपये के करवाएं गये इस कार्य में करीब 12 श्रमिकों को काम पर रखा गया। इसमें से दो तो ऐसे श्रमिक थे। जो कार्य करने में ही सक्षम नहीं थे। फिर भी उनके नाम से मस्टरोल भरकर उनका भुगतान उठा लिया गया। जानकारी मिली है कि प्रति व्यक्ति करीब 8400 रूपये का भुगतान उठाया गया है। ऐसे में बिना जांच के भुगतान भी हो गया। जो कही न कही जिला परिषद की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है।
आखिर क्यों नहीं हो रही निष्पक्ष जांच
गांव के मौजिज ग्रामीणों की ओर से लगातार की जा रही शिकायतों और सरकार के ध्यानाकर्षण के बाद भी आखिर प्रशासन की ओर से कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। गांव के परमाराम सुथार का कहना है कि राजनीतिक संरक्षण के कारण प्रशासन के अधिकारी इस शिकायत को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है। पिछले तीन वर्षों से ग्रामीणों की ओर से जेठी देवी के कार्यकाल में किये गये कार्यों की जांच की मा ंग की जा रही है। परन्तु इसको लेकर कही भी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि कांग्रेस की सरकार अपने आपको पारदर्शी सरकार होने का बार बार दावा कर रही है। तो फिर ग्रामीणों की जायज शिकायत पर प्रशासन जांच में टालमटोल क्यों कर रहा है।

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