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वीसीआई निरीक्षण में सामने आई विवि की कमियां

बीकानेर। वेटरनरी विवि में दो दिन से वेटेरनरी कौंसिल ऑफ इंडिया का निरीक्षण चल रहा है। वेटरनरी कॉलेज बीकानेर, नवानियां उदयपुर और और जयपुर के निरीक्षण के बाद जब टीम के सामने विवि की प्रोफाइल पहुंची तो टीम हैरान हो गई। विवि में सवा दो सौ पद प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के रिक्त मिले। विवि ने प्रमाण दिया कि कैसे पदों को भरने के लिए इंटरव्यू तक करा दिए थे लेकिन सरकार ने उसे पहले रोक दिया और बाद में उसे नए सिरे से भरने के लिए कहा।
दरअसल देशभर के वेटेरनरी विवि और कॉलेजों की सबसे बड़ी रेगुलेटरी अथॉरिटी वेटेरनरी कौंसिल ऑफ इंडिया है। कॉलेजों की मान्यता से लेकर एडमिशन तक पर रोक लगाने की ताकत और डिग्री को मान्यता देने का पावर है। वीसीआई हर तीन साल में देशभर के वेटेरनरी कॉलेज और विवि का निरीक्षण कर चेक करता है कि नियमों को अपनाया जा रहा या नहीं।
इसी बाबत तीन सदस्यीय टीम 27 और 28 को प्रदेश के तीनों सरकारी वेटेरनरी कॉलेजों का निरीक्षण कर रहा है। एक सदस्य बीकानेर, एक उदयपुर और एक जयपुर में दो दिन से डेरा डाले हैं। विवि ने जब प्रोफाइल रखी कि प्रोफेसर के 53, एसोसिएट प्रोफेसर के 84 और असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब सवा सौ के करीब पद रिक्त हैं तो टीम हैरान हो गई। उससे भी बड़ी हैरानी तब हुई जब पता लगा कि प्रोफेसर के पद तो सारे ही खाली हैं। अभी जो प्रोफेसर हैं वो ज्यादा कॅरियर एडवांसमेंट प्रक्रिया से बनकर आए हैं लेकिन मूल प्रोफेसर के पद सभी खाली हैं।
इंटरव्यू होने के बाद सरकार ने दोबारा भर्ती के लिए कहा
वेटेरनरी विवि ने पिछले साल ही असिस्टेंट प्रोफेसर के 72 पदों पर इंटरव्यू करा लिए थे। सरकार की परमीशन के बाद ही भर्ती हुई थी लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने पूरे इंटरव्यू हो चुके लिफाफे ही खोलने से मना कर दिया। चार महीने तक बंद लिफाफे पड़े रहे। कुछ समय पहले ही नए सिरे से इन पदों पर भर्ती करने के लिए कहा और पूर्व में हुए इंटरव्यू को निरस्त कर दिया।
अब 31 जुलाई तक आवेदन करने की अंतिम तिथि है लेकिन प्रोफेसर की 53 और एसोसिएट प्रोफेसर की 84 सीटों पर अब भी सरकार मौन है। रोस्टर मंजूरी से लेकर तमाम प्रक्रियाओं में इतनी देरी होती कि तब तक कुलपतियों का कार्यकाल ही पूरा हो जाता है। हैरानी जोधपुर के कॉलेज और विवि के लिए मिलने वाली स्वीकृति की स्पीड पर होती है। वहां के कॉलेज और विवि के लिए स्वीकृति से लेकर भर्ती प्रक्रिया चंद महीनों में हो जाती लेकिन बाकी के लिए फाइलें धूल फांकती हैं।

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