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जिस थानेदार ने किया था रेप उसी को जेल के बजाए रीडर रूम की कुर्सी पर बैठाया गया

अलवर। कहते हैं कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता, लेकिन जब कानून का रखवाला ही मुल्जिम बन जाए तो पुलिस के नियम भी बदल जाते हैं। जी हां, बलात्कार के आरोपी थानेदार भरतसिंह का रुतबा गिरफ्तारी के बाद भी खेरली थाने में बरकरार दिखा। आरोपी थानेदार को रातभर हवालात के बजाए रीडर रूम में रखा गया। वहां स्टाफ ने उसकी खूब आवभगत की। सुबह भी आरोपी थानेदार रीडर रूम में कुर्सी पर बैठा रहा। नियमानुसार किसी भी प्रकरण में आरोपी की गिरफ्तारी होने के बाद उसे थाने की हवालात में रखा जाता है। पूछताछ व बयानों के लिए ही हवालात से बाहर निकाला जा सकता है। खेरली थाने में परिवादी महिला से हुए बलात्कार मामले में रेंज आईजी हवासिंह घुमरिया और पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम रात करीब 3 बजे तक थाने पर मौजूद रहे। उनके सामने भी बलात्कार के आरोपी थानेदार भरतसिंह जादौन को हवालात में नहीं डाला गया। उच्चाधिकारियों के आने के बाद भी आरोपी थानेदार को थाने के रीडर रूम में ही रखा गया। सोमवार सुबह आरोपी थानेदार भरतसिंह जादौन रीडर रूम में कुर्सी पर बैठा हुआ था। थाने का स्टाफ उनके लिए वहीं चाय-पानी की व्यवस्था की। इसी कक्ष में दूसरी कुर्सी पर बैठकर अन्य पुलिसकर्मी काम करने में लगे हुए थे। हवालात में रखने के निर्देश दिए थानों में सभी गिरफ्तार मुल्जिमों के रखने के लिए हवालात बनी हुई है। बलात्कार के आरोपी थानेदार भरतसिंह को भी हवालात में रखने के निर्देश दिए गए थे। यदि उन्हें हवालात में न रखकर रीडर रूम में रखा गया है तो उसकी जांच करा उचित कार्रवाई की जाएगी।

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