
जवान की मौत को लेकर परिजन व ग्रामीण अपनी मांगों लेकर दूसरे दिन भी हाईवें जाम करके रखा, सडक़ पर लगाये टैंट






जवान की मौत को लेकर परिजन व ग्रामीण अपनी मांगों लेकर दूसरे दिन भी हाईवें जाम करके रखा, सडक़ पर लगाये टैंट
बीकानेर। श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के अनंतनाग में बीकानेर के जवान की मौत के मामले में जयपुर-बीकानेर नेशनल हाईवे 24 घंटे से जाम है। परिवार और समाज के प्रतिनिधि जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे है। बिना कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के जवान की मौत को सुसाइड बताने वाले सैनिक कल्याण अधिकारी भी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
दरअसल, बीकानेर के पांचू के रहने वाले जवान रामस्वरूप कस्वां (24) की 25 सितंबर को अनंतनाग में गोली लगने से मौत हुई थी। प्रारंभिक तौर पर सामने आया था कि ऑन ड्यूटी फायरिंग के दौरान जान गई, जिसे बाद में सुसाइड बताया गया। परिजनों का मानना है कि जवान की मौत ऑन ड्यूटी हुई है, ऐसे में उसे शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। जवान की बॉडी लेने से भी परिवार ने इनकार कर दिया था।
नेशनल हाईवे का रूट डायवर्ट किया
नेशनल हाईवे- 11 (बीकानेर-जयपुर) पर गुरुवार दोपहर 12.30 से परिवार व अन्य लोग बैठे हुए हैं। नेशनल हाइवे जाम होने से बीकानेर शहर के अन्य मार्ग प्रभावित हुए हैं। बस और ट्रक जयनारायण व्यास कॉलोनी और सार्दुल कॉलोनी से होकर निकल रहे हैं। उधर, छोटे वाहनों को पब्लिक पार्क के अंदर से निकाला जा रहा है। स्कूल बस और ऑटो को भी आज सुबह परेशानी का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को दूसरे दिन भी परिजनों व ग्रामीणों ने हाईवे को जाम करके रखा की धरने पर बैठे है। धरने पर आज नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और चूरू सांसद राहुल कस्वां के पहुंचने की संभावना है।
पहले शहीद की तरह अंतिम संस्कार की तैयारी
पांचू के पूर्व प्रधान भंवरलाल ने कहा कि प्रशासन ने पहले जवान को शहीद बताया था। उसी तरह गुरुवार सुबह तक अंतिम संस्कार की तैयारी की गई थी। एसडीएम और तहसीलदार खुद मौके पर आए थे। अंतिम संस्कार के लिए जगह देख रहे थे। गांव में एक जगह फाइनल भी की गई थी। शाम को जब जिला सैनिक अधिकारी ने सुसाइड का पत्र जारी किया तो सारी पिक्चर ही उलट गई। इससे समाज की गरीमा को ठेस पहुंची है।
ग्रामीण और परिजनों को सेना के अधिकारियों ने वार्ता के लिए बुलाया था लेकिन उनसे मिलने कोई नहीं गया। जिला प्रशासन ने भी दोनों पक्षों में वार्ता का प्रयास किया लेकिन सहमति नहीं हो सकी। इसके बाद गुरुवार देर शाम जिला कलेक्टर के साथ प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई लेकिन इसमें सहमति नहीं बन पाई। अब शुक्रवार को फिर से सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत का प्रयास हो सकता है।
भाई बोला- उसे डिप्रेशन नहीं था
जवान के भाई सैन्यकर्मी श्रीराम कस्वां ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया- 25 सितम्बर को सुबह 8.26 बजकर रामस्वरूप (जवान) ने पिता और मेरी बेटी से बात की थी। उसकी बातों से कोई डिप्रेशन नहीं दिखा। 10 मिनट लगातार बात की थी। इसके बाद मेरे पास फोन आया था लेकिन ड्यूटी पर होने के कारण बात नहीं हो पाई। इसके बाद 9.10 बजे मेरी बात हुई है।
तब उसने बोला था- आप कैसे हो भाई। मैंने बोला, मैं ठीक हूं तू कैसा है रामस्वरूप। उसने कहा था- मैं ठीक हूं भाई। रात के करीब एक बजे मेरे पास सूचना आई कि फायरिंग में उसकी मौत हो गई। सेना बता रही है कि ये घटना सुबह 9.46 बजे की है। सेना ने अब तक ऑफिशियली ऐसा कुछ नहीं कहा कि उसने सुसाइड किया है। सुसाइड के बारे में सिर्फ जिला सैनिक बोर्ड का अधिकारी बता रहे हैं। ये हमारे देश के जवानों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। आगे से ऐसी हरकत नहीं होनी चाहिए।


