बीकानेर के असली हीरो- हमारे डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, युद्ध जैसा जज्बा, ऐसे पहुंच रहे गांव ढाणी तक - Khulasa Online बीकानेर के असली हीरो- हमारे डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, युद्ध जैसा जज्बा, ऐसे पहुंच रहे गांव ढाणी तक - Khulasa Online

बीकानेर के असली हीरो- हमारे डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, युद्ध जैसा जज्बा, ऐसे पहुंच रहे गांव ढाणी तक

खुलासा न्यूज, बीकानेर।  गांव-गांव तक फैल चुके कोरोना वायरस से निपटने के लिए नर्सिंगकर्मियों व डॉक्टर्स ने कमर कस ली है। जिन गांवों में आसानी से गाड़ी नहीं पहुंच सकती, वहां ऊंट गाड़ों पर बैठकर भी नर्सिंगकर्मी न सिर्फ घर-घर सर्वे कर रहे हैं, बल्कि संक्रमित रोगियों तक दवा पहुंचा रहे हैं। जो ज्यादा गंभीर है, उन्हें बीकानेर के पीबीएम अस्पताल तक पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं। राज्यभर में घर घर सर्वे तो शुरू हुआ है लेकिन लूणकरनसर इसमें मिसाल बनने जा रहा रहा है। न सिर्फ डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ बल्कि हेल्थ वर्कर्स से हटकर भी कई कर्मचारी इस महामारी से लड़ रहे हैं। इस तहसील के कई गांवों में सरपंचों ने आगे बढ़कर घर घर इलाज करने का जज्बा दिखाया तो प्रशासन और हेल्थवर्कर्स भी शिद्दत के साथ जुड़ गए। फिर क्या था खोखराणा के घर घर डॉक्टर्स और नर्सिंगकर्मी पहुंच गए। जिसे बुखार था, उसकी जांच करवाई गई और जिसे सामान्य सर्दी जुकाम था, उसे दवा दी गई। इस गांव में सफल प्रयास के बाद SDM भगीरथ साख स्वास्थ्य विभाग के BCMHO डॉ. हीरामनाथ सिद्ध ने अभावग्रस्त गांवों में इस सर्वे को शुरू करने का प्रयास किया।

गांवों में स्कूल को ही अस्पताल बना दिया गया है, जहां लेडी डॉक्टर्स भी दे रही हैं सेवा।
गांवों में स्कूल को ही अस्पताल बना दिया गया है, जहां लेडी डॉक्टर्स भी दे रही हैं सेवा।
जहां हेल्थवर्कर नहीं वहां लगे शिविर

ब्लॉक CMHO ने बताया कि जिन गांवों में हेल्थ वर्कर नहीं है, वहां सबसे पहले शिविर लगाए गए हैं, ताकि कोरोना पीड़ितों की पहचान की जा सके। यहां हेल्थ वर्कर नहीं होने के कारण कोरोना पीड़ित स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल पहुंच रहे थे। अब शुरूआती लक्षण दिखते ही इलाज शुरू हो रहा है।

6 अभावग्रस्त गांवों में शिविर

उन गांवों को भी प्राथमिकता दी जा रही है, जहां से आसानी से रोगी शहर पहुंच नहीं पा रहे हैं। शुक्रवार को ब्लॉक के खोखराणा, हंसेरा, सहजरासर,राजासर उर्फ करणीसर,डेलाणा बङा व मनोहरीया में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुए हैं। यहां कई संदिग्ध रोगियों की जांच की गई है। जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती करने का काम भी किया जायेगा।

ये मुश्किल हो रही है गांव में

दरअसल, तेज अंधड़ के कारण इन गांवों में हेल्थवर्कर्स का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। विभाग की गाड़ी भी कई बार रेत के धोरों मे फंस जाती है। इसके बाद भी काेई हिम्मत नहीं हार रहा है। दूर गांव है तो ऊंट गाड़े में बैठकर भी ढाणी तक पहुंच रहे हैं। गांवों में घरों के बाहर से आम ग्रामीणों के शरीर का तापमान चैक किया जा रहा है। किसी को बुखार या लक्षण दिखते हैं तो उपचार दिया जा रहा है।

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