मकान और कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स के निर्माण की प्रोसेस हुई आसान, बदले नियम - Khulasa Online मकान और कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स के निर्माण की प्रोसेस हुई आसान, बदले नियम - Khulasa Online

मकान और कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स के निर्माण की प्रोसेस हुई आसान, बदले नियम

जयपुर। व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स या मकान बनाने से पहले बड़ा काम नगर निगम से नक्शे पास करवाने का होता है. इसमें खासी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. इसको देखते हुए स्वायत्त शासन विभाग ने भवन निर्माण की प्रक्रिया को सरल कर दिया है. अब 500 वर्गमीटर अथवा 5000 वर्गफीट तक के भूखंड पर निर्माण के लिए नक्शे पास करवाने की जरूरत नहीं होगी. भूखण्ड का क्षेत्रफल यदि 2500 वर्गमीटर से अधिक और ऊंचाई 18 मीटर से ज्यादा है तो भूखण्डों पर नक्शा पास करने के लिए यूआईटी, नगर निगम में गठित भवन मानचित्र समिति के सामने रखा जाएगा.
इसके लिए अधिकृत आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर निर्धारित शुल्क के साथ नगर निगम या यूआईटी में जमा करवाना होगा. उसके बाद निर्माण शुरू किया जा सकता है. यही नहीं 500 वर्गमीटर से अधिक और 2500 वर्गमीटर से कम के भूखंड के लिए भी केवल आवेदन, फीस और अधिकृत नक्शा जमा करवाने के बाद निर्माण किया जा सकेगा.
निगमों-यूआईटी को नए नियम से कार्य करने के आदेश
अब नए नियम के तहत 2500 वर्गमीटर से अधिक बड़े भूखंड पर 18 मीटर से अधिक ऊंचार्ई के निर्माण के लिए नक्शे पास होने के बाद ही निर्माण शुरू किया जा सकेगा. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है. भूखंड की साइज को 3 भागों में बांटकर उनके लिए नियम तय कर दिए गए हैं. साथ ही नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के डायरेक्टर एवं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी ने इसी माह 2 सितंबर को आदेश जारी कर सभी नगर निगमों व यूआईटी को इसी नियम के तहत कार्य करने के आदेश दिए हैं.
500 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के सभी उपयोगों के भूखण्डों अथवा जिनमें अधिकतम 500 वर्गमीटर निर्मित क्षेत्र प्रस्तावित हो, ऐसे भवनों का निर्माण रजिस्टर्ड आर्टिटेक्ट द्वारा प्रमाणित दस्तावेज, निर्धारित प्रारूप भरकर फीस के साथ जमा कराने के बाद किया जा सकेगा. भूखण्ड की गूगल मैप पर लोकेशन और लीज डीड देनी होगी. साइट प्लान मय प्रस्तावित सैटबैक व भवन की प्रस्तावित ऊंचाई व मंजिलों की संख्या भी देनी होगी.
नियमों की पालना का घोषणापत्र और शपथ पत्र देना होगा
इसके अलावा व्यवसायिक भूखण्डों में पार्किंग के लिए प्रावधान दर्शाते हुए इंजीनियर द्वारा प्रमाणित पार्किंग प्लान बनाना होगा. भवन विनियमों के प्रावधानों की पालना किए जाने का घोषणा पत्र और आवेदक का शपथ पत्र भी साथ ही लगेगा. इसके साथ ही लीज एवं यूडी टैक्स की रसीद देनी होगी. तभी 500 वर्गमीटर में पट्टे के साथ ही निर्माण स्वीकृति भी मिलेगी.
2500 वर्गमीटर तक के भूखण्ड के लिए नियम
नए नियमों के तहत 2500 वर्गमीटर तक के समस्त भूखण्डों पर रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट से नक्शा अनुमोदन करवाने के बाद देय राशि व आवश्यक दस्तावेज आदि नगर निगम में जमा कराने के बाद निर्माण शुरू कर सकेंगे. प्लॉट की गूगल मैप पर लोकेशन और साइट प्लान जिसमें प्रस्तावित सेटबैक, भवन की ऊंचाई व मंजिलों की संख्या बतानी होगी. भूखण्डों में पार्किंग के लिए प्रावधान बताना होगा. पार्किंग व सर्कुलेशन प्लान, फ्लोर प्लान, एलीवेशन, फायर व ग्रीन एरिया दर्शाते हुए नक्शे का साइन किया हुआ सेट जमा करवाना होगा. भवन विनियमों की पालना की जाएगी इसका रजिस्टर्ड इंजीनियर का प्रमाण पत्र जरूरी होगा.

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