
सात लाख रुपये के साथ पकड़े युवक की कार्यवाही पड़ी ठंडे बस्ते में, अब तक नहीं हुआ खुलासा रुपये किसको दिये जाने थे






सात लाख रुपये के साथ पकड़े युवक की कार्यवाही पड़ी ठंडे बस्ते में, अब तक नहीं हुआ खुलासा रुपये किसको दिये जाने थे
बीकानेर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन से पुलिस ने पखवाड़ेभर पहले एक व्यक्ति को सात लाख रुपए के साथ पकड़ा। इस मामले में आगे क्या हुआ, इसको लेकर मामला बिलकुल ठंडा पड़ा हुआ है। 19 दिन बीतने के बावजूद अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आरोपी व्यक्ति रुपए किसे और क्यों देने आया था। रही एसीबी की बात, तो वह अब तक पूरे मामले पर गोलमाल जवाब ही दे रही है।
यह सवाल मांग रहे जवाब
निजी फर्म का व्यक्ति इतनी बड़ी रकम किसे देने आया था ? सात लाख रुपए किस कार्य के लिए दिए जाने थे ? यह लाखों रुपए आपस में बंटने थे या किसी एक को देने थे? एमजीएसयू के कर्मचारियों की मिलीभगत की बात कितनी सच्ची-कितनी झूठी है? एसीबी की कार्रवाई फेल किस कारण से हुई? 19 दिन में भी एसीबी यह पता नहीं कर सकी कि रुपए किसलिए लाए गए थे?
भ्रष्टाचार बढ़ रहा, खुलासा होना चाहिए
एक कर्मचारी ने दबी जुबान में बताया कि यह किसी ने नहीं छिपा कि पिछले तीन-चार साल से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। सात लाख रुपए लेने वाले ही दरअसल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले हैं, जिनके चेहरे से नकाब हटना चाहिए। एसीबी जैसी जांच एजेंसी पखवाड़े भर बाद भी पूरी तरह से खुलासा नहीं कर पा रही है, जिससे कई तरह के सवाल आमजन के जेहन में उठ रहे हैं।
यह है मामला
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीमने 24 दिसंबर, 24 को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में छापा मारकर एक व्यक्ति के पास से सात लाख रुपए बरामद किए। एसीबी की टीम ने विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में कार्रवाई की। अजमेर की फर्म के डिप्टी चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर मनोज सांखला के पास से सात लाख रुपए बरामद किए गए थे।
चल रही है जांच
विवि में सात लाख रुपए के साथ पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ की गई थी। निजी व्यक्ति होने के कारण उसे पीसी एक्ट में गिरतार नहीं किया गया। अब जांच में अगर कोई भूमिका सामने आती है, तो उसकी गिरतारी की जाएगी। सात लाख रुपए जब्त कर लिए गए थे। इस मामले में अभी जांच चल रही है। जल्द खुलासा करेंगे।


