“23 की दूसरी पारी का पेपर कठिन जबकि पहली पारी का सरल, बोर्ड नहीं माना तो जाएँगे कोर्ट”

“23 की दूसरी पारी का पेपर कठिन जबकि पहली पारी का सरल, बोर्ड नहीं माना तो जाएँगे कोर्ट”

राजस्थान में रीट परीक्षा का रिजल्ट आने से पहले ही व्यवहार शुरू हो गया है। पात्रता परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाईजेशन के आधार पर रिजल्ट जारी करने की मांग की है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा है कि 23 और 24 जुलाई को दोनों दिन चारों पेपर अलग-अलग श्रेणी के थे। लेकिन 23 की दूसरी पारी का पेपर कठिन जबकि पहली पारी का सरल था। इसी तरह 24 को भी दोनों पेपर के सवालों के स्तर में अंतर था। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन के आधार पर ही रिजल्ट जारी होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे।

23 जुलाई को दूसरी पारी की परीक्षा देने वाली सरोज ने बताया कि इस बार चारों दिन अलग-अलग पेपर के स्तर में काफी अंतर था। मैंने 23 जुलाई को दूसरी पारी की परीक्षा दी थी। जिसका पेपर काफी कठिन था। ऐसे में मेरे मार्क्स 60% से भी कम आ रहे हैं। जबकि उसी दिन पहली पारी का पेपर काफी सरल था। जिसमें स्टूडेंट्स के आसानी से 70% तक नंबर आ रहे है। ऐसे में अगर नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा। तो हम कोर्ट जायगे और अपनी वाजिब मांग के लिए लड़ेंगे।

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