
भारतीय नौसेना में जुड़ेंगे 11 गश्ती जहाज, रक्षा मंत्रालय ने किए 19 हजार करोड़ से अधिक के अनुबंध पर दस्तखत






रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार भारतीय नौसेना और अधिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य के साथ 19,600 करोड़ रुपये के अनुबंध पर दस्तखत किए।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए 11 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों और छह अगली पीढ़ी के मिसाइल जहाजों के अधिग्रहण के लिए भारतीय शिपयार्ड के साथ अनुबंध पर दस्तखत किए।
साल 2026 में शुरू होगी जहाजों की डिलीवरी
बता दें कि अगली पीढ़ी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों में से 7 जहाजों को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) और चार जहाजों को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा तैयार किया जाएगा। इन जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। साथ ही जहाजों की डिलीवरी सितंबर 2026 में शुरू होगी।
‘परिचालन क्षमता को मिलेगी मजबूती’
इससे पहले वायुसेना को सैन्य मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ 3,700 करोड़ रुपये के दो अनुबंध पर दस्तखत किए थे। ये अनुबंध रडार और रिसीवर के लिए है। इससे भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता को मजबूती मिलेगी।
वायुसेना ने एक बयान के जरिए बताया था कि 2,800 करोड़ रुपये से अधिक का पहला अनुबंध मध्यम शक्ति वाले रडार (MPR) ‘अरुधरा’ की आपूर्ति के लिए है। दूसरा करीब 950 करोड़ रुपये का ऑर्डर 129 डीआर-118 रडार चेतावनी रिसीवर (RWR) के लिए है।


