
चिकित्सा विभाग ने कर डाला यह कारनामा, कि अधिकारी ही पड़े गये सकते में






खुलासा न्यूज बीकानेर सरकारी कार्यालय में रखे कबाड़ को बेचने के लिए भी एक प्रक्रिया निर्धारित है लेकिन चिकित्सा विभाग इसकी पालना नहीं कर रहा है। बुधवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ के अधीन एक ऑफिस में रखा सामान गायब मिला। पता चला कि लोहे व लकड़ी की अलमारियों सहित बहुत सारा सामान कबाड़ के रूप में निपटा दिया गया है। उधर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि सफाई नगर निगम के माध्यम से करवाई गई है। सब नियमों के तहत हुआ है। ला पीबीएम अस्पताल के सामने स्थित एक कार्यालय का है, जो अर्से से बंद पड़ा था। ष्टरू॥ह्र के अधीन इस परिसर में पिछले डेढ़ दशक से विभाग अपना कबाड़ रख रहा था। किसी भी अस्पताल या ऑफिस का कोई सामान बेकार होता तो उसे यहां रख दिया जाता था। बुधवार को संयुक्त निदेशक देवेंद्र चौधरी को शिकायत दर्ज करवाई गई कि सीएमएचओ ने इस ऑफिस को साफ करवा दिया है। तब चौधरी और आरसीएचओ डॉ. राजेश गुप्ता भी कार्यालय में पहुंचे। पता चला कि ऑफिस में कोई सामान नहीं है। पहले से रखा भारी भरकम सामान भी अब नहीं है। इस पर ष्टरू॥ह्र से पूछताछ की गई। कोई संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में मौके पर ही एक कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी गई।
क्या सामान था
यहां लोहे की अलमारियां, लकड़ी की अलमारियां, बड़ी संख्या में कागजात, समय समय पर जब्त किए गए खाद्य पदार्थ के नमूने और अन्य सामान था। कुछ फर्नीचर भी यहां पर रखा गया था। जो टूटा हुआ था लेकिन कबाड़ के रूप् में इनकी काफी कीमत थी।
क्या है सही प्रक्रिया
कबाड़ को बेचने के लिए संबंधित अधिकारी को एक कमेटी बनानी होती है। फिर उसकी नीलामी की जाती है। इस दौरान अधिकारी सबसे ज्यादा कीमत देने वाले को कबाड़ व अन्य सामान देता है। यह राशि राजकोष में जमा की जाती है। कबाड़ में बेचे गए सामान की सूची भी तैयार होती है। इस मामले में स्टॉक रजिस्टर नहीं मिलने की शिकायत की जा रही है।
इनका कहना है
हमें शिकायत मिली थी कि ऑफिस से बड़ी संख्या में सामान इधर उधर कर दिया गया है। कार्यालय को साफ भी करवाया है तो सामान हटाने से पहले एक प्रक्रिया तय होनी चाहिए थी। यहां नियमों की अनदेखी करने की शिकायत है। मामले की जांच की जा रही है।
देवेंद्र चौधरी, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा विभाग बीकानेर
सत्रह साल से यह कार्यालय बंद पड़ा था। चिकित्सा भवन में गाड़ी रखने को जगह नहीं थी, इसलिए पीबीएम अस्पताल के सामने के कार्यालय में कुछ विंग शिफ्ट की गई। वहां से दो नए फ्रीज मिले हैं। जिसे सुरक्षित रखा गया है। कोई सामान कबाड़ में नहीं बेचा गया। नगर निगम के कमिश्नर को बोलकर सफाई करवाई है। उन्होंने दस पंद्रह आदमी भी भेजे थे। कबाड़ का सामान उनके माध्यम से ही भेजा गया। सामान की लिस्ट बनाई गई है।
डॉ. सुकुमार कश्यप, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर।


