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ऐन वक्त पर जागी महापौर, आनन-फानन में दिए निर्देश

खुलासा न्यूज, बीकानेर। नगर निगम महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने सोमवार को मैराथन बैठके लीं, जिसमें उन्होंने पेंडिंग काम से लेकर वर्तमान में चल रहे काम तथा कुछ वर्क ऑर्डर भी कर दिए। मानसून और बारिश को के मौसम देखते हुए जर्जनर और जीर्ण शर्ण मकानों को हटाने व गिराने के आदेश भी दिए। निर्माण कार्य से नाखुश महापौर ने एक फर्म को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया। लेकिन ये सभी काम आज से बहुत पहले या रोकने की बजाय लगातार काम चलते रहने चाहिए थे, ऐसी व्यवस्था पर कभी ध्यान नहीं दिया। अचानक इस तरह अधिकारियों की बैठकें लेकर आदेश-निर्देश देने से काम नहीं होता, काम के लिए जनप्रतिनिधि को खुद मैदान में उतरना पड़ता है, ऐसा महापौर करती बहुत कम ही नजर आती है। बता दें कि मानसून सिर पर है, कभी भी तेज बारिश हो सकती है, शहर में ऐसे कई जर्जर मकान पड़े है जो कभी गिर सकते है, लेकिन महापौर को ऐसे मकानों को चिन्हित मानसून से पहले ही कार्यवाही कर देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जबकि पहले कई दफा बारिश के चलते मकान गिर चुके है जिसमें जाने भी गई है। उन हादसों से न तो निगम और न ही महापौर ने सबक लिया। अब बारिश कभी भी हो सकती है, ऐसे में अचानक महापौर के ध्यान में यह मुद्दा आया और आनन फानन में अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित मकान मालिक को नोटिस देकर मकान को गिराने का सात दिन का समय दिया, अगर नहीं गिराता है तो निगम अपने स्तर पर कार्यवाही करेगा। इसके अलावा सीवरेज चैंबर के ढक्कन, चैंबर, नाली, पेच वर्क और क्रॉस के काम लिए इमरजेंसी के तहत एआरसी पैकेज के टेंडर जरिये काम करवाया जाएगा, जबकि महापौर ने सभी महापौर को साथ लेकर नियमित मॉनिटरिंग या फिर शहर के प्रति अपनी जिम्मेदारी दिखाई होती तो शायद आज इस एआरसी पैकेज की जरूरत ही नहीं पड़ती। नगर निगम से जुड़े हर काम को लेकर शहरवासी परेशान है, निगम की एक भी व्यवस्था सही ढंग से नहीं चल रही, जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अब आनन फानन में बैठक कर अधिकारियों को निर्देश देने से सारे काम एक साथ थोड़ी हो जाएंगे, अगर हो जाएंगे तो ये काम बहुत पहले भी हो जाने चाहिए थे। इस तरह का न तो माहौल बनता और न ही बनाने की जरूरत पड़ती है। यहां एक कहावत सटीक बैठ रही है कि- ‘अब पछताए होत क्या जब चिडिय़ां चुग गई खेत’।

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