
भजनलाल सरकार के फैसले से फिर बदला राजस्थान का नक्शा, चूरू वापिस बीकानेर संभाग में, कहीं विरोध तो कहीं समाप्त हुआ विवाद







खुलासा न्यूज, बीकानेर। प्रदेश की भजनलाल सरकार ने आज नौ जिले और तीन संभाग खत्म करने की घोषणा की है, उसके बाद राजनीति बयानबाजी का भूचाल आ गया। कांग्रेस के नेता इस जनता के साथ धोखा बता रहे हैं। वहीं बीजेपी इस जनता व प्रदेश के हित में फैसला बता रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव के वक्त बिना कोई तैयारी किये जिले घोषित कर दिया, जबकि घोषणा से पहले जिलों को लेकर कोई प्लान ही नहीं बनाया। इस तरह दोनों ही पार्टियों के नेताओं द्वारा बयानबाजी की जा रही है।
फिर से बदल गया राजस्थान का नक्शा
जब कांग्रेस सरकार ने नए जिले व संभाग बनाये, तब राजस्थान का नक्शान बदल गया था। परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा उस नक्शे को पढऩे लगे, लेकिन भजनलाल सरकार ने कांग्रेस सरकार द्वारा घोषित किये जिले व संभागों को खत्म कर फिर से नक्शा बदल दिया, ऐसे में युवाओं को अब नया नक्शा पढऩा पड़ेगा। भजनलाल सरकार द्वारा लिये फैसले के अनुसार चूरू जिला अब सीकर से बीकानेर संभाग में शामिल हो गया है। हालांकि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाये जिले व संभागों से पूर्व चूरू बीकानेर संभाग में ही आता था, अब वापिस बीकानेर संभाग में शामिल हो गया है। इसी तरह अनूपगढ़ जिले को समाप्त कर दिया, ऐसे में अनूपगढ़ वापिस श्रीगंगानगर जिले में शामिल हो गया। हालांकि अनूपगढ़ को जिला बनाने के लिए लंबे समय से यहां के निवासियों द्वारा मांग की जा रही थी, इसके लिए अनूपगढ़ के क्षेत्रों के लोगों खूब संघर्ष किया। जिस पर कांग्रेस सरकार ने अनूपगढ़ को जिला घोषित, तब यहां के लोगों ने खुशियां मनाई। लोगों का कहना था कि अब लोगों के काम आसान हो जाएंगे। लेकिन बीजेपी सरकार द्वारा अब अनूपगढ़ जिले को खत्म कर दिया, ऐसे में इस फैसले के विरोध में आंदोलन भी शुरू हो सकता है, क्योंकि अनूपगढ़ के नेताओं का कहना है कि कड़ी मशक्कत के बाद हमें जिला मिला था, लेकिन अब इस निरस्त कर दिया, ऐसे में यहां के लोगों में मायूसी है। इसी, तरह भजनलाल सरकार के इस फैसले से खाजूवाला का अनूपगढ़ में शामिल होने का विवाद भी खत्म हो गया। क्योंकि अनूपगढ़ को जिला बनाया गया था तब खाजूवाला को बीकानेर की बजाय अनूपगढ़ में शामिल किये जाने की बात चल रही थी। खाजूवाला क्षेत्र के लोग इस निणर्य के खिलाफ थे। खाजूवाला को बीकानेर में रखने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन व आंदोलन भी हुआ, हालांकि इस मामले में सरकार ने अधरझूल में छोड़ दिया था, यानि खाजूवाला को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया। अब अनूपगढ़ जिले को ही निरस्त कर दिया तो खाजूवाला अपने-आप बीकानेर जिले में रहेगा। इस तरह खाजूवाला वाले विवाद भी अब समाप्त हो गया है।


