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एमबीबीएस इंटर्नशिप करने वालों का देश में सबसे कम भत्ता राजस्थान में

जयपुर। पिछले 75 दिन से डॉक्टर्स, एमबीबीएस कर रहे इंटर्न डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ कोरोना वरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं। वरिष्ठ डॉक्टर्स के साथ एमबीबीएस इंटर्नशिप कर रहे युवा चिकित्सक पिछले कई दिनों से अपने परिजनों को छोड़कर कोरोना पीडि़तों के इलाज में जुटे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कोरोना वरियर्स के रूप में काम करने वाले इंटर्नशिप चिकित्सकों का भत्ता राजस्थान में सबसे कम है। देश में सबसे कम भत्ता लेकर भी इंटर्नशिप कर रहे चिकित्सक बेहतर ढ़ंग से काम कर रहे हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट 75 फीसदी के करीब होने में इनका भी बड़ा योगदान है, लेकिन इनकी पीड़ा यह है कि देश में सबसे कम 7 हजार रुपये महीना भत्ता राजस्थान में मिल रहा है। वहीं उत्तरप्रदेश में 7,500 रुपये और एम्स अस्पतालों में इंटर्नशिप करने वालों को सबसे अधिक 23,500 रुपये महीना भत्ता मिलता है। कम भत्ता मिलने से राजस्थान में इंटर्नशिप कर रहे युवा चिकित्सक नाराज है। ये चाहते है कि वन नेशन-वन इंटर्नशिप भत्ते की नीति लागू होनी चाहिए । दरअसल,9 सेमेस्टर अर्थात साढ़े चार साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमबीबीएस करने वालों को 1 साल की इंटर्नशिप करना आवश्यक होता है। जानकारी के अनुसार इन्हे देश में सबसे कम भत्ता राजस्थान में मिलता है तो यहां से 500 रुपये अधिक उत्तरप्रदेश में मिलता है। पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु में 20 हजार रुपये,हरियाणा में 17 हजार,पंजाब,हिमाचल प्रदेश व बिहार में 15 हजार,जम्मू-कश्मीर में 12,300 रूपए प्रतिमाह भत्ता मिलता है । एम्स में यह भत्ता 23,500 रुपये मिलता है। पिछले दिनों राजस्थान में इंटर्नशिप करने वाले युवाओं ने सरकार को इस संबंध में ज्ञापन दिया है। इस मामले में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा का कहना है कि सरकार इंटर्नशिप करने वालों की सुविधाएं बढ़ाने पर विचार कर रही है। शीघ्र ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

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