
दोपहर में खुले करमीसर स्कूल के ताले, मामले को माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने लिया गंभीरता से






खुलासा न्यूज बीकानेर। दस महीने बाद स्कूल खुले हैं और पहले ही दिन ताला लगाकर विरोध करने का सिलसिला शुरू हो गया है। मामला बीकानेर के करमीसर क्षेत्र का है, जहां सुबह सवेरे ग्रामीणों ने पहुंचकर मुख्यद्वार पर ताला लगा दिया। दोपहर एक बजे स्कूल फिर शुरू हो सका। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। तमाम व्यस्तताओं के बावजूद उन्होंने करमीसर स्कूल पर नजर रखी और अधिकारियों को मौके पर भेजा।
दरअसल, ग्रामीण पिछले कई दिनों से प्राचार्य सरोज सोलंकी से नाराज थे। उनका आरोप है कि एक खेल प्रतियोगिता के लिए उन्हें मैदान नहीं दिया गया। वहीं बच्चों को प्रवेश देने से मना कर देती है। इस संबंध में प्राचार्य सोलंकी का कहना है कि कोरोना काल में स्कूल में किसी तरह की खेलकूद गतिविधि के लिए सरकारी की ओर से मनाही है। ऐसे में वो मैदान की अनुमति नहीं दे सकती थी। वहीं प्रवेश की अंतिम तिथि के बाद भी प्रवेश देना संभव नहीं होता।
फिर से स्कूल खुलने के पहले दिन इस स्कूल में अतिरिक्त निदेशक अशोक सांगवा की ड्यूटी लगाई गई थी। सांगवा स्वयं मौके पर पहुंच गए लेकिन प्राचार्य और सांगवा के बीच ही तकरार हो गई। इसके बाद भी सांगवा स्कूल में तैनात रहे और ग्रामीणों से अलग अलग बात करके स्कूल खोलने के लिए राजी करते रहे।
इससे पहले सोमवार सुबह नौ बजे स्कूल पर ताला लगा दिया गया। प्रिंसिपल हटाओ, करमीसर बचाओं के नारों के साथ ग्रामीणों ने सुबह ताला लगाया। इस स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे अध्ययनरत है। सोमवार सुबह भी नौंवी व दसवीं के बच्चे पढऩे के लिए स्कूल पहुंचे थे लेकिन ग्रामीणों ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। दोपहर साढ़े बारह बजे बच्चों को स्कूल में प्रवेश मिला। इसके बाद कुछ कक्षाओं में पढ़ाई शुरू हुई। अध्यापकों का कहना था कि सुबह विवाद के कारण अधिकांश बच्चे वापस चले गए।


