
कभी भी आ सकती है भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की सूची, इस नाम पर लगभग सहमति बन गई है






कभी भी आ सकती है भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की सूची, इस नाम पर लगभग सहमति बन गई है
बीकानेर। भाजपा में नए जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं। प्रदेश नेतृत्व ने सोमवार की रात 12 बजे तक सभी विधायकों, वरिष्ठ नेताओं, पूर्व एवं वर्तमान जिलाध्यक्ष समेत जिले और प्रदेश पदाधिकारियों से फोन पर ही अध्यक्ष के लिए 3-3 नाम मांगे गए। व्हाटसअप पर भी नाम नहीं लिए गए। कॉल पर ही नाम नोट कराने को कहा गया।
सोमवार को पूरे दिन जयपुर से विधायकों के पास फोन आते रहे। किसी विधायक ने फोन नहीं उठाया तो उसे दो, तीन, चार बार कॉल किया गया। ग्रामीण क्षेत्र के एक विधायक को देर रात 5 कॉल किए गए पर वे सो गए और कॉल नहीं उठा पाए। इसलिए उन्होंने अपनी राय मंगलवार को दी। जिनको कॉल किया गया उसमें से सभी विधायक, सांसद, मौजूदा जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष और सीनियर लीडर। इसके अलावा अगर कोई प्रदेश में पदाधिकारी है तो उससे भी राय ली गई।
इस बीच बीकानेर बीजेपी के शहर अध्यक्ष को लेकर चर्चा गरम है। इस पद पर सबकी नजऱ बनी हुई है। इस दौड़ में मोहन सुराणा, महावीर रांका, राजेंद्र पंवार का नाम प्रमुखता से आगे है। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए जोर आजमाइश करने वालों में पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा, अशोक बोबरवाल, अनिल शुक्ला भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कुछ दिन पहले ही संघ कार्यालय में एक बैठक हुई जिसमें रांका के नाम पर लगभग सहमति बन गई। संघ से जुड़े एक वरिष्ठ स्वयंसेवक व अर्जुनराम के पुत्र रवि मेघवाल ने रांका के लिए अच्छी जोर आजमाइश की है। रांका पूर्व में यूआईटी चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी टिकट के लिए संघर्ष किया था लेकिन टिकट नहीं मिली थी। सूत्रों की मानें तो रांका-सुराणा-गहलोत में से कोई एक शहर अध्यक्ष बनेगा। विरोध की बात करें तो कई खेमों में बंटी शहर बीजेपी में निर्विरोध तो कोई नहीं है। विधायक, पूर्व महापौर, पूर्व यूआईटी चैयरमेन हो या फिर बीजेपी के विभिन्न पदाधिकारी, सभी किसी ना किसी का विरोध कर रहे हैं और झेल भी रहे हैं। ऐसे में शहर अध्यक्ष के दावेदारों के बीच फाइट बहुत कड़ी है। मुकाबला काफी रोचक भी है। अब देखना यह है कि प्रदेश संगठन कौनसी खूबियां देखकर अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाता है।यानी बीकानेर के शहर और देहात अध्यक्ष के लिए 3-3 नामों का पैनल जयपुर में बन चुका है। वहां सभी की रायशुमारी की संख्या देखी जाएगी। जिन दो नामों पर सबसे ज्यादा विचार आए उन दो-दो नामों का पैनल बुधवार की रात तक दिल्ली भेजा जाना है। दिल्ली से प्रभारी समेत सीनियर लीडर से चर्चा की जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि 10 जनवरी के बाद कभी भी जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी। इस बार उम्र का खासा ख्याल रखा गया है। एक भी अध्यक्ष 60 से ऊपर का नहीं होगा। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्र में मौजूदा अध्यक्ष जालमसिंह भाटी, छैलूसिंह, रामेश्वर पारीक जैसे नेता अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हो गए। शहर के मौजूदा अध्यक्ष विजय आचार्य 59 साल के हैं। इसलिए उन्हें कंसीडर किया जा सकता है। अन्य जो प्रमुख दावेदार है वे भी 60 साल के भीतर के ही हैं। देहात में अब दो गुटों के बीच जंग है।


