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शहर की समस्या समाधान पर बात करने की बजाय एक-दूसरे ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त यहां के नेता, क्या इसलिए चुना था जनता ने?

खुलासा न्यूज बीकानेर। शहर की समस्याओं के समाधान की बजाय नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे तो जनता को कैसा लगेगा? जाहिर सी बात है अच्छा नहीं लगेगा। ऐसा ही इन दिनों बीकानेर की जनता के साथ हो रहा है। शहर की जनता कई समस्याओं से जूझ रही है, वहीं दूसरी और इन समस्याओं का समाधान करने वाले नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। इसने वो कर दिया, उसने वो कर दिया। काम की बात नहीं करते। बात करते है बीकानेर उन समस्या से जिनसे बीकानेर की जनता हर रोज सामना करती है। पहली रेल फाटक जो वर्षों से बीकानेर की जनता को परेशान करता आ रहा है, हर बार सरकार बदलती है और नेता लोग अपने कार्यकाल में समाधान करने के दावे-वायदे करते है, लेकिन होता कुछ नहीं, महज बाते ही रह जाती है, चुनावी साल में उसको चुनावी मुद्दा बना लिया जाता है। बीकानेर शहर की दूसरी बड़ी समस्या- यहां की ट्रेफिक व्यवस्था। जिसमें सुधार की महत्ती आवश्यकता है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। अगर ऐसा चलता रहा तो आगामी कुछ ही सालों में सड़कों पर वाहनों का चलना मुश्किल हो जाएगा। शहर की तीसरी बड़ी समस्या- ड्रेनेज सिस्टम। जो अभी पुराने ढर्रे पर चल रहा है, हर बार बारिश के सीजन में बड़ी समस्या बनकर सामने आता है, लेकिन इस पर समाधान के कोई प्रयास नहीं हो रहे। शहर की चौथी बड़ी समस्या- पीबीएम अस्पताल में अव्यवस्था। पीबीएम अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है, यहां हर रोज करीबन दस हजार लोग इलाज के लिए पहुंचते है, लेकिन अस्पताल में अव्यवस्था और घटिया मॉनिटरिंग की वजह से मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा रोड़, लाईट, सीवरेज, पानी से जुड़ी समस्या हर जरूरत के वक्त सामने खड़ी नजर आती है। इन सभी समस्याओं में सुधार करने की बजाय, उन पर बात करने की बजाय यहां के जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते नजर आ रहे है, इनके इस रवैये से जनता मन ही मन सोच रही होगी कि क्या हमने इनको इसलिए वोट दिया था?

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