![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/07/k7.gif)
देशभर में आज से कानून बदल गया है। अब थानों में नए कानूनों के तहत कार्रवाई होगी: आईजी
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2023/02/drgifad.gif)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-04-04-at-12.06.31-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-12-at-12.05.55-AM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2022/08/d186fc64-d41f-4ece-8c59-2b3589462913.jpg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240701-WA0018.jpg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-06-08-at-3.45.05-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-20-at-8.51.17-PM.jpeg)
देशभर में आज से कानून बदल गया है। अब थानों में नए कानूनों के तहत कार्रवाई होगी: आईजी
बीकानेर। देशभर में आज से कानून बदल गया है। अब थानों में नए कानूनों के तहत कार्रवाई होगी। नए कानूनों के साथ-साथ पुलिस की चुनौती भी बढ़ गई है। कमजोरी और तकनीक के अभाव से पुलिस पहले से ही जूझ रही है। नए कानूनों में पुलिस का सारा काम ऑनलाइन और मोबाइल पर आधारित है। पुलिस को हर छोटे-मोटे मामले में वीडियोग्राफी, फोटो व साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग, गवाहों के बयान सब कुछ मोबाइल में रिकॉर्ड करना है।
मोबाइल भत्ता मिल रहा, न क्षमता के उपकरण
प्रदेश में 57 जिले, जिसमें तीन ग्रामीण जिले, जयपुर शहर में दो और दो रेलवे पुलिस जिले शामिल हैं। 261 सर्किल, 1014 पुलिस थाने और 1283 पुलिस चौकियां हैं। राजस्थान पुलिस में वर्तमान में पुलिस निरीक्षक करीब 1181, उपनिरीक्षक 2 हजार 554, एएसआई 4 हजार 767, हवलदार 15 हजार 911, सिपाही 71 हजार 858 हैं। इसके अलावा 195 भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और 876 राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) अधिकारी हैं। सभी पुलिस अधिकारियों को मोबाइल भत्ता भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब पुलिस जवानों व अधिकारियों को अपने खर्चे पर ही काम करना होगा। हालांकि पुलिस व सरकार ने पुलिस अधिकारियों-जवानों को सीयूजी नंबर उपलब्ध करवा रखे हैं, लेकिन इन नंबरों पर कॉलिंग की सुविधा है, इंटरनेट की नहीं।
बाधा: मोबाइल स्पीड, डाटा स्टोरेज की समस्याएं
घटनास्थल का मौका-मुआयना, साक्ष्य, गवाहों के बयान, पीडि़तों के बयान सभी मोबाइल में रिकॉर्ड करने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में पुलिस के हवलदार व सिपाहियों के पास बेहतर क्षमता व स्टोरेज वाले मोबाइल होने चाहिए, जो नहीं हैं। ऐसी िस्थति में बेहतर काम निकाल पाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि सरकार व पुलिस मुख्यालय में इस समस्या से उबरने के लिए पुलिस अधिकारियों जवानों को नए गैजेट्स उपलब्ध कराने पर विचार-विमर्श चल रहा है।
जिले के अपराधों पर एक नजर ज्
जिले में वर्ष 2021 में कुल 6 हजार 688 मामले, वर्ष 2022 में 7 हजार 406, वर्ष 2023 में 8 हजार 471 और वर्ष 2024 में जून तक करीब 4603 मामले दर्ज हो चुके हैं। हर साल मामलों में सात से दस फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इनमें भी संगीन आपराधिक मामले बढ़ते दिख रहे हैं।
ई-साक्ष्य ऐप तैयार
नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर ने ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग एवं फॉरेंसिक के लिए ई-साक्ष्य ऐप, समन को इलेक्ट्रॉनिक तामील कराने के लिए ई समन ऐप तैयार किया है। बीकानेर रेंज के हनुमानगढ़ जिले में ई-समन से तामील शुरू भी हो गई है।
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-08-at-2.36.48-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20240415-WA0026.jpg)
![](http://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2021/04/whatsapp-icon.png)