
एक बार फिर खुलासा की खबर का हुआ असर, जलदाय विभाग आया हरकत में पानी के टैंकरों की कीमत जल्द ही तय






बीकानेर। शहर भर में मनमाने दाम वसूल रहे पानी के टैंकरों पर अब प्रशासन शिकंजा कसने की तैयारी में है। जलदाय विभाग ने प्रस्ताव बनाए हैं कि शहर में कोई भी टैंकर अब ₹600 से ज्यादा दाम नहीं वसूल सकेगा। जलदाय विभाग 2000,4000 और 6000 लीटर तक के अलग-अलग टैंकरों के दाम निर्धारित कर रहा है। बुधवार को अधीक्षण अभियंता समेत सभी अधिकारियों ने इस पर कसरत की बस कलेक्टर की स्वीकृति लेना शेष है। नियम भी सख्त किए जा रहे हैं कि अगर कोई टैंकर निर्धारित दामों से ज्यादा पैसा मांगता है तो उस ट्रैक्टर का नंबर तुरंत प्रशासन के पास भेजें ताकि उसके खिलाफ एक्शन हो।
प्रशासन अब किसी भी सूरत में पानी पर कमाई बर्दाश्त नहीं करना चाहता क्योंकि पूरा शहर पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है और टैंकर मालिक लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम वसूल रहा है। इन दिनों 6000 लीटर तक के टैंकर की कीमत 1200 रुपए तक पहुंच गई हैं। लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है टैंकर संचालकों की मनमानी तौर तरीकों की शिकायत प्रशासन तक पहुंची है। इसीलिए आज बिना पंजीकरण कराए कोई भी टैंकर शहर में पानी की सप्लाई नहीं कर सकेगा। प्रशासन एक अधिकारियों की टीम भी गठित कर रहा है जो शहर भर में घूम रहे टैंकरों की चेकिंग करेगा।
जलदाय विभाग अधिकृत रूप से गुरुवार को टैंकरों की दर जारी कर सकता है। उल्लेखनीय है कि इस वक्त शहर में करीब एक हजार के आसपास टैंकर जलापूर्ति कर रहे हैं। जिसमें 90त्न प्राइवेट हैं। जलदाय विभाग के सिर्फ 10त्न ही टैंक कर जा रहे हैं। जलदाय विभाग किसी के घर में व्यक्तिगत पानी नहीं दे रहा। वह एक मोहल्ले के एक सेंटर पर खड़ा होता है और आसपास के लोग वहां से पानी भर सकते हैं। जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल ने बताया कि हम टैंकर के दाम तय कर रहे हैं। सारी टीम को इसके लिए लगाया गया है और जल्दी ही दाम सार्वजनिक किए जाएंगे। टैंकर चालक आम जनता से मनमाने दाम नहीं वसूल सकते अगर ऐसा होगा तो उनके खिलाफ एक्शन होगा।
जहां हुआ विरोध वहां पहुंच रहे अधिकारी-
पानी को लेकर गली-गली विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। जलदाय विभाग के अधिकारियों को जहां से विरोध की खबर आती वहां अधिकारी मौके पर पहुंचकर पानी की व्यवस्था करा रहे हैं लेकिन इन दिनों विरोध इतना ज्यादा हो गया है कि हर जगह अधिकारियों को पहुंचना मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि सभी नीचे की टीम को विरोध होने पर पानी का टैंकर पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।


