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हाईकोर्ट ने पट्टाधारियों को नहीं दी राहत, अब कभी भी चल सकता है प्रशासन का बुलडोजर

खुलासा न्यूज बीकानेर। मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के लिए हाईकोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आया। जिसके बाद कस्बे में हलचल सी मच गई। घुमचक्कर पर अब कभी भी प्रशासन की कार्रवाई की गाज बड़ी बड़ी इमारतों पर गिर सकती है। नेशनल हाईवे पर 100 फीट की दुरी तक अतिक्रमण हटाने के मामले में जोधपुर हाईकोर्ट द्वारा पट्टाधारियों को राहत नहीं दी गई है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह भाटी के फैसले में स्टे लाने वाले सभी 13 जनों के स्टे न्यायलय ने खारिज कर दिए है एवं कार्रवाही के लिए प्रशासन को स्वतंत्र अधिकार दिया है। इसके अलावा मुआवजे के लिए भी न्यायालय द्वारा किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया गया है और मुआवजे के लिए संबधित सक्षम अधिकारी के समक्ष आवेदन करने के निर्देश दिए है। न्यायालय में पीटीशन संख्या 1381 राधेश्याम जोशी, 1066 सुरेन्द्र झंवर,1189 कमल किशोर नाई, 1210 किशनाराम नाई, 1542 मामराज तर्ड, 1708 मंगलाराम गोदारा, 1374 माधुरी हल्दानी, 1377 हरीश कुमार, 1382 भगवान तिवारी, 1384 नगराज नाई, 1385 भवानीशंकर नाई, 1529 अणचीदेवी व 1651 सुरेश कुमार सिंधी की अपील खारिज कर दी गई है। इन पीटिशनों के माध्यम से होटल मालजी, होटल आशिष, पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा, पूर्व विधायक किशनाराम नाई, थाने के सामने सुरेन्द्र झंवर की नई बड़ी बिल्डिंग आदि को गिराने का रास्ता प्रशासन के सामने खुल गया है। अब प्रशासन के विवेक पर निर्भर है कि प्रशासन त्वरित कार्रवाही कर नुकसान करे या इन पीटिशन धारकों को स्वत: ही अपना निर्माण हटाने के लिए समय दे। विदित रहे कि हाईवे से 75 फीट दुरी पर नगरपालिका द्वारा जारी पुराने पट्टे, निर्माण स्वीकृतियां आदि होने के बाद भी इन लोगों को राहत नहीं मिल पाई है व लोगों में निराशा है।

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