
बीकानेर: युवाओं पर बढ़ता कर्ज का संकट, दिखावे की संस्कृति ने फंसाया ‘उधारी के जाल’ में




बीकानेर: युवाओं पर बढ़ता कर्ज का संकट, दिखावे की संस्कृति ने फंसाया ‘उधारी के जाल’ में
बीकानेर. शहर के युवाओं में तेजी से बढ़ती उधारी प्रवर्ति अब एक गंभीर आर्थिक और सामाजिक समस्या बनकर उभर रही है। आधुनिक जीवनशैली , सोशल मीडिया ट्रेंड और दिखावे की होड़ ने युवाओं को महंगे गैजेट, बाइक और लग्जरी आइटम लेने की ओर धकेल दिया है, वह भी उधार पर। शहर में बड़ी संख्या में युवा ( खास कर 20-30 आयुवर्ग) अपनी आय का 70-80 प्रतिशत तक हिस्सा ईएमआई में खर्च कर रहे हैं, जिसके चलते मानसिक दबाव और वित्तीय असंतुलन बढ़ता जा रहा है। कई मामलों में तो क्रेडिट स्कोर कम होने के बाद भी युवा हर चीज के लिए लोन ले रहे हैं।
जानकारों के अनुसार कोविडकाल के बाद डिजिट फाइनेंस आसान होने से महंगे मोबाइल, ब्रांडेड कपड़े, पार्टियां और घूमने-फिरने का चलन बढ़ा है। युवा ईएमआई चुकाने के लिए ओवरटाइम कर रहे हैं, जबकि कुछ ने पुराने कर्ज चुकाने के लिए नया ऋण लेना शुरू कर दिया है। कुछ लोग फूड डिलिवरी व कैब-बाइक चला कर भी ईएमआई का जुगाड़ करने की कोशिश करते हैं। इससे उनके काम के घंटे भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं। उससे तनावजनित बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। विशेषज्ञ इसे एक संभावित वित्तीय संकट का संकेत मान रहे हैं।




