
निगम में अब भी पूर्व महापौर का दबदबा, केवल एक ही वार्ड में ध्यान दे रहे कर्मचारी, देखें वीडियो






खुलासा न्यूज, बीकानेर। कहने को तो महापौर का कार्यकाल पिछले महीने ही खत्म हो गया। लेकिन इसके बावजूद नगर निगम में आज भी पूर्व महापौर और उनके परिवार का दबदबा नजर आ रहा है। इसकी वजह यह है की महापौर के वार्ड में कुछ सड़के ऐसी है जिनमें एक भी गड्ढा नहीं है। फिर भी वहां पर निगम के सफाई ट्रक से रोजाना मिट्टी हटाने का काम चल रहा है। जबकि उनको कौन यह बताएं कि यह सड़क तो पहले से ही एकदम साफ सुथरी है। यहां पर रोजाना इस मशीन की आवश्यकता ही नहीं है, जबकि जिन जगहों पर आवश्यकता है वहां पर यहां मशीन पहुंच ही नहीं पहुंच रही है। कचरा उठाने वाली गाडिय़ां भी इनके ही वार्ड में दिन में दो से तीन बार आ रही है। लेकिन जहां जरुरत है वहां पहुँच ही नहीं रही। कुछ लोगों का कहना है कि इसके लिए कई बार शिकायत कर दी गई है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि निगम आयुक्त मयंक मनीष को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था, लेकिन उन्होंने भी सुनवाई नहीं की। आयुक्त केवल कमरों में बैठकर ही दिशा-निर्देश दे रहे हैं। शहर के हालातों को जानने के लिए ऐसा लग रहा है कि वह कभी कमरे से बाहर निकल ही नहीं है। जबकि शहर में कई जगहों पर गंदगी के ढेर लगे पड़े मिलते हैं सड़के टूटी मिलती है। इसके बावजूद भी नगर निगम को समय ही नहीं है।
दावें है दावों का क्या, लेकिन हकीकत तो यही है
शहर में स्वच्छता के दावे किए जाते रहे है। लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग की स्थिति भी किसी से छुपी नहीं है। हर साल कम होने की बजाय वह भी बढ़ती गई, कभी ध्यान ही नहीं दिया गया। बीकानेर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन जूनागढ़ के सामने की स्थिति बेहद खराब है। पूर्व महापौर के वार्ड में ही सड़के सबसे ज्यादा टूटी हुई पड़ी है। इसी वार्ड में भाजपा का कार्यालय भी है। करणी नगर क्षेत्र की तो यहां पर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो रखे हैं जबकि इसी सड़क पर बीकानेर की पूर्व महापौर का घर है। भारतीय जनता पार्टी का मुख्य कार्यालय भी इसी जगह पर है। यहां पर मंत्री, विधायक, जिला अध्यक्ष सहित कई पदाधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद यहां की सड़क टूटी पड़ी है।


