
सीएम बदलते ही बदल जाएगा ब्यूराेक्रेसी का चेहरा, क्या मोदी ही तय करेंगे नया मुख्य सचिव






सीएम बदलते ही बदल जाएगा ब्यूराेक्रेसी का चेहरा, क्या मोदी ही तय करेंगे नया मुख्य सचिव
जयपुर। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी का चेहरा, रूप-रंग व आकार भी बदलने की चर्चाएं हैं। इसी महीने दो सबसे सीनियर आईएएस अफसरों की विदाई होनी है। पहले नंबर पर हैं मुख्य सचिव उषा शर्मा और दूसरे नंबर पर हैं वीनू गुप्ता। वीनू को रेरा का चेयरपर्सन बना दिया गया है और शर्मा रिटायर होने वाली हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के पद पर नया चेहरा आते ही ब्यूरोक्रेसी की सबसे बड़ी कुर्सी मुख्य सचिव पर भी कोई नया चेहरा आना तय है। दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर गए पांच सीनियर आईएएस अफसरों के बारे में चर्चा है कि उनमें से कोई एक प्रदेश का नया मुख्य सचिव बन कर आ सकता है। इन सभी के काम को लंबे समय से पीएम मोदी और उनकी टीम देख रही है। ऐसे में हो सकता है कि नए सीएम के साथ कोई नया सीएस भी पीएम मोदी की पसंद से ही राजस्थान आए। श्रीनिवासन लंबे अर्से से दिल्ली में ही कार्यरत हैं। वे पीएम मोदी के मंत्रालय प्रशासनिक सुधार विभाग में तैनात हैं। छह महीने पहले भी उनका नाम चर्चाओं में था, जब मुख्य सचिव के पद से उषा शर्मा रिटायर होने वाली थीं। श्रीनिवासन राजस्थान कैडर में तीसरे नंबर की सीनियरिटी पर हैं। ऐसे में उनके सीएस बनने में किसी तरह की तकनीकी रुकावट भी नहीं है। रोहित कुमार सिंह इन दिनों दिल्ली में उपभोक्ता मंत्रालय में सचिव के पद पर हैं। वे राजस्थान कैडर में छठे नंबर की सीनियरिटी पर हैं। ऐसी चर्चाएं हैं कि भाजपा के राजनीतिक नेतृत्व में उनकी खासी पैठ मानी जाती है। ऐसे में उनके सीएस बनने की चर्चाएं हैं। राजस्थान में वर्तमान में मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं उषा शर्मा। दिसंबर-2023 में उनका एक्सटेंशन खत्म हो रहा है। उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून-2023 को ही हो गई थी, लेकिन चुनावी वर्ष को देखते हुए केन्द्र व राज्य सरकार ने उन्हें 31 दिसंबर-2023 तक का कार्य विस्तार दे दिया था। अब उनकी विदाई इसी महीने किसी भी दिन हो सकती है। उनके बाद दूसरे स्थान पर हैं वीनू गुप्ता। वीनू को निवर्तमान कांग्रेस सरकार ने रेरा का चेयरपर्सन बना दिया था। हालांकि उन्हें अभी केन्द्र व राज्य सरकार ने रिलीव नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आचार संहिता एक दो दिन में हटते ही उन्हें रिलीव कर दिया जाएगा। उनके बाद सुबोध अग्रवाल, शुभ्रा सिंह, राजेश्वर सिंह, अभय कुमार, अखिल अरोड़ा, अपर्णा अरोड़ा, संदीप वर्मा की सीनियिरिटी (अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर) तक की है। इनमें से अग्रवाल का नाम हाल ही ईडी के जांच दायरे में आया है। ऐसे में लगता नहीं कि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाएगा।


