
खाली पड़ी रहती गुमटी, खड़े होने में आती शर्म, यातायात व्यवस्था पुलिस नियंत्रण से बाहर






निखिल स्वामी की ग्राउंड रिपोर्ट
बीकानेर. शहर में पुष्करणा सावा की धूम है। सैकड़ों की संख्या में शादियां हो रही है। ऐसे में सुबह से शाम तक शहर में रौनक और वाहनों की रेलमपेल भी रहती है। इनदिनों शाम को शहर की सड़कों पर बारातें जाती है और जाम में फंसी रहती है, लेकिन पुलिस प्रशासन इन सावों को लेकर भी अलर्ट नहीं है। शहर के मुख्य स्थानों पर बारातें वाहनों के जाम में फंसने के बाद भी आस-पास के लोग व बाराती ही इन वाहनों को जाम में फंसने से बचाते है और पुलिस कुछ स्थानों पर होती है और देखती रहती है। शहर की यातायात व्यवस्था पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गई है। मुख्य स्थानों पर पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को नियंत्रण करने के लिए लाखों के बजट से गुमटियां बनाई। लेकिन पुलिसकर्मियों को इन गुमटी में खड़े रहना तो दूर इन मुख्य स्थानों पर खड़े भी नहीं होते है। कुछ पर पुलिसकर्मी इन मुख्य स्थानों पर खड़े भी हो जाते है तो वे गुमटी में खड़े नहीं होते है। वे सड़के किनारे खड़े होकर देखते रहते है। ज्यादातर तो ये गुमटियां खाली रहती है और इन गुमटियों में पशु बैठे रहते है। शहर में पुलिस की गुमटी के पास सबसे अधिक नियमों का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन यहां तैनात कार्मिकों को इसकी कोई फिक्र नजर नहीं आती है। मनमर्जी के आवागमन से दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई है। शहर के प्रमुख स्थानों पर यातायात व्यवस्था की बुरी गत हो चुकी है। यहां चालक अपनी सुविधा के अनुसार गलत दिशा में आते-जाते रहते है, लेकिन उनको कोई टोकने वाला नहीं है। यह किसी एक स्थान पर नहीं, शहर के सभी ट्रैफिक प्वाइंट पर एक जैसे हालात है।
शहर के कोटगेट, जस्सुसर गेट, नत्थुसर गेट, गोगागेट आदि शहर के मुख्य स्थानों पर आए दिन दुर्घटना की आशंका रहती है और कई बार तो वाहन आपस में भिड़ भी जाते है। जिससे कई लोगों को चोटें भी आ चुकी है, लेकिन प्रशासन समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो इन छोटे स्थानों पर भी बड़ी दुर्घटना होने से किसी की मौत भी हो सकती है। इन स्थानों पर आने-जाने वाले वाहन चालक अपनी मर्जी से किसी भी दिशा में आते-जाते है। यहां पुलिस की गुमटी और कार्मिक भी है, लेकिन कोई रोकता-टोकता नहीं है। सुबह व शाम के समय इन स्थानों पर हालात यह रहते है कि इतने वाहन हो जाते है कि इन स्थानों से निकलना दुर्भर हो जाता है। कई बार वाहन आपस में भी टकरा जाते है। वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण इन स्थानों पर करीब 15 से 20 मिनट तक जाम लगा रहता है, लेकिन पुलिस प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं है। शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से कई बार अधिकारियों को लताड़ व लाइन हाजिर भी किया गया। लेकिन इन कार्रवाई का असर अभी तक नहीं दिखा है। शहर की यातायात व्यवस्था आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है।
इन स्थानों के पास बने टैक्सी स्टैण्ड
शहर के मुख्य स्थानों पर टैक्सी स्टैण्ड बन गए है। यहां के टैम्पो बीच सड़क में खड़े हो जाते है। सवारियों के दिखते ही यह बीच रास्ते में खड़े होकर सवारियां लेते रहते है ऐसे में आस-पास जाम लग जाता है। इन अस्थायी टैक्सी स्टेण्ड से वाहन चालकों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन पुलिस की ओर से इन टैक्सी स्टैण्ड चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। शहर में टै्रफिक को व्यवस्थित करने के लिए कई प्वाइंट बनाए गए है, लेकिन हर जगह एक जैसी स्थिति रहती है। कहीं पर भी यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई जैसा कुछ भी नहीं दिखता है।


