
खतरा अभी टला नहीं : पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से 1002 लोगों की मौत






मास्को, 16 अक्टूबर। रूस में शनिवार को कोरोना वायरस से 1002 लोगों की मौत हो गई। कोरोना महामारी के प्रसार के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। यही नहीं रूस में लगातार कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। दुनियाभर में कोरोना टीकाकरण में तेजी आने के बावजूद संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से पहली बार रूस में 24 घंटे में संक्रमण की वजह से 1000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। कोरोना प्रतिबंधों में ढील को इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में रूस में 33,208 नए केस सामने आए तो 1,002 लोगों की जान चली गई। लगातार तीसरे दिन यहां नए केस और मौतों का आंकड़ा नए रिकॉर्ड स्तर पर हैं। पिछले 24 घंटे में रेकॉर्ड 33,208 मामले सामने आए। रूस में अब तक 222,315 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। वह भी तब जब रूस दुनियाभर को अपनी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक की सप्लाइ कर रहा है।
रूस के कोरोना वायरस कार्यबल के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के 79 लाख मामले सामने आए हैं। यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा मरने वाले लोग रूस के ही हैं। दुनिया में कोरोना से 5वां सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने आरोप लगाया है कि रूसी लोग कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, इसी वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कोरोना के वैश्विक मामले बढ़कर 24 करोड़
रूसी लोगों के टीका नहीं लगवाने के कारण टीकाकरण की रफ्तार धीमी चल रही है। रूसी लोगों को कोरोना के टीके पर भरोसा नहीं है और उन्हें किसी भी नए मेडिकल प्रॉडक्ट को लेकर डर है। इस बीच कोरोना के वैश्विक मामले बढ़कर 24 करोड़ हो गए हैं। रूस में कोरोना संक्रमण में तेजी ऐसे समय पर आई है, जब देश में 31 फीसदी लोगों का ही टीकाकरण पूरा हुआ है। प्रतिबंधों में ढील भी तेजी की एक वजह है। हालांकि, एक बार फिर कई इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर क्यूआर कोड एक्सेस का तरीका अपनाया जा रहा है। क्रेमलिन ने देश की टीकाकरण दर को “अस्वीकार्य रूप से” कम कहने के बावजूद बड़े प्रतिबंधों को फिर से शुरू करने से परहेज किया है, यह कहते हुए कि इस सप्ताह अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि “अर्थव्यवस्था काम करना जारी रखे।” यह भी कहा है कि रूस का मेडिकल सिस्टम मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए तैयार है। केसों में तेजी के लिए सरकार ने जनता को जिम्मेदार बताया है।


