
युवाओं में बीएड का क्रेज हुआ खत्म,कॉलेजों में सन्नाटा, यह हकीकत आई सामने





युवाओं में बीएड का क्रेज हुआ खत्म,कॉलेजों में सन्नाटा, यह हकीकत आई सामने
बीकानेर। राजस्थान में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं में अध्यापक पूर्व पात्रता परीक्षा (पीटीईटी) का आकर्षण लगातार घट रहा है। इसका बड़ा कारण यह है कि मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों के शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों से घर बैठे डिग्री मिल रही है। जिसके चलते शिक्षक प्रशिक्षण के लिए युवाओं का अब पड़ोसी राज्यों में पलायन शुरू हो गया है। वहीं प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले की प्रतिस्पर्धा खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।
पीटीईटी के अभ्यर्थियों में 47 फीसदी गिरावट
इसके विपरीत यहां प्रवेश परीक्षा, हाजिरी और फिर डिग्री के लिए परीक्षा की कड़ी चुनौती है। इसके बावजूद नौकरियों में दोनों डिग्रियों को समान तवज्जो मिल रही है। पिछले दो वर्षों में पीटीईटी के अभ्यर्थियों में लगभग 47 फीसदी गिरावट आई है। इससे राज्य के बीएड कॉलेजों में दाखिले की प्रतिस्पर्धा लगभग खत्म होने के कगार पर है।
राजस्थान के बीएड कॉलेजों में 1.6 लाख सीटें हैं, लेकिन घटते आवेदनों के कारण सीटें खाली रहने लगी हैं। उधर, प्रारम्भिक शिक्षा डिप्लोमा (डीएलएड) के लिए वर्ष 2025 में 6 लाख 4 हजार 692 और वर्ष 2024 में 6 लाख 45 हजार 254 आवेदन आए। डीएलएड में 25977 सीटें हैं।
पड़ोसी राज्यों में हो रहा युवाओं का पलायन
राजस्थान में 2022-23 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में लेवल 1 के लिए 21,000 और लेवल 2 के लिए 27,000 पद थे। लेवल 1 के लिए 2,11,948 व लेवल 2 के लिए 7,51,305 आवेदन आए थे। हजारों छात्र मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से घर बैठे बीएड व अन्य पाठ्यक्रम की डिग्रियां हासिल कर रहे हैं। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम बंद होने व आइटीइपी (एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम) कोर्स नया शुरू होने से असमंजस की स्थिति बन गई। इस कारण भी आवेदन घटे।

