
जमीन विवाद में जान लेने की नीयत से पेट में गोली मारकर घायल करने के आरोपी को न्यायालय ने 10 साल के सश्रम कारावास







बीकानेर। जमीन विवाद में जान लेने की नीयत से पेट में गोली मारकर घायल करने के आरोपी को न्यायालय ने 10 साल के सश्रम करवावास ओर 11 हज़ार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी को डेढ़ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अपर सत्र न्यायाधीश संख्या दो के पीठासीन अधिकारी लोकेन्द्रसिंह शेखावत की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।15 दिसंबर, 13 को परिवादी बनवारीलाल ने नयाशहर पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसके भाई स्व. गोपीराम की जमीन-जायदाद हैं। बिरजू उर्फ विजयपाल व राजेश सुथार उसके फर्जी पुत्र बने हुए है।उक्त दोनो आरोपियों ने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी वसीयतनामा बनाया हुआ हैं। इसका परिवादी के पुत्र हनुमान ने सदर थाने में केस दर्ज करवाया था। उसके बाद से ही दोनों आरोपी हनुमान से रंजिश रखने लगे और जान से मारने की धमकियां देने लगे। 15 दिसंबर, 13 की शाम को हनुमान और उसका भाई बाइक पर सवार होकर भाटों के बास से घर जा रहे थे। शाम करीब 7.30 बजे पानी की टंकी के पास वाली सडक़ पर पहुंचे तो आरोपी भागते हुए वहां आए और बिरजू ने हनुमान को जान से मारने के लिए फायर कर दिया।
हनुमान के पेट पेट में गोली लगी। भाई ने ललकारा तो आरोपी भाग गए। परिवादी बनवारीलालमौके पर पहुंचा तो हनुमान लहूलुहान था। उसे पीबीएम अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट ने इस मामलेकी सुनवाई के बाद बिरजू उर्फ विजयपाल को दोषी माना और उसे 10 साल के सश्रम कारावास व11,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर आरोपी को डेढ़ माह काअतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 10 गवाहों के बयान हुए।राज्य की ओर से पैरवी संदीप स्वामी व परिवादी की ओर से पैरवी रामेश्वरलाल बिश्नोई ने की।


