न्यायालय ने नहीं माना पत्नी को भरण पोषण की अधिकारी

न्यायालय ने नहीं माना पत्नी को भरण पोषण की अधिकारी

खुलासा न्यूज बीकानेर। 09 दिसंबर 2024 को पारिवारिक न्यायालय संख्या 1, बीकानेर के पीठासीन अधिकारी सत्यपाल वर्मा, आर.एच.जे.एस. ने प्रकरण आशीष बनाम कविता में प्रार्थीया कविता को अपने पति से भरण पोषण याचिका को अस्वीकार कर खारिज फरमाया गया। संक्षेप में प्रकरण के तथ्य इस प्रकार है कि प्रार्थीया कविता का विवाह आशीष के साथ दिनंाक 25.02.2020 को सम्पन्न हुआ। जिस पर प्रार्थीया छोटी-मोटी बात को लेकर तंग परेशान व दो लाख रूपये नगदी व दहेज में कार की मांग को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया तथा न्यायालय में अपने पति आशीष गहलोत पुत्र भरत कुमार निवासी वार्ड नं. 4, तलाई के पीछे, नाल छोटी, बीकानेर के विरूद्ध भरण पोषण का मुकदमा दर्ज करवाया। जिस पर अप्रार्थी आशीष गहलोत ने अपने न्याय मित्र गोपाल लाल हर्ष व निमिषा शर्मा के मार्फत अपना पक्ष रखा। पारिवारिक न्यायालय संख्या 1, बीकानेर में दोनों पक्षकारों के साक्ष्य संकलित करने के उपरान्त यह अभिनिर्धारित किया कि प्रार्थीया जान बूझकर अपने पति के साथ रहना नहीं चाहती तथा वह डबल एम.ए., बी.एड. है तथा प्रार्थीया विभिन्न प्राईवेट संस्थानों में अध्यापन का कार्य करती रही, जबकि उसका पति स्नातक है। पत्रावली पर आई साक्ष्य से न्यायालय ने यह माना कि प्रार्थीया विवाह के बाद अध्यापन हेतु और अधिक शिक्षित और सक्षम हो गई है तथा वह शिक्षण प्रशिक्षण के कार्य से भली भांति स्वयं अपना भरण पोषण करने में सक्षम है। जिस पर न्यायालय द्वारा प्रार्थीया द्वारा प्रस्तुत भरण पोषण बाबत् आवेदन अस्वीकार कर खारिज किया जाना न्याय संगत माना तथा न्यायालय द्वारा अपने आदेश में निर्देश फरमाया कि प्रार्थीया द्वारा पूर्व में इस न्यायालय से अन्तरिम भरण पोषण बाबत् कोई राशि प्राप्त की गई है तो वह राशि प्रार्थीया से वसूली योग्य नहीं होगी।

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