
निगम बना झगड़े का अखाड़ा, आयुक्त ने मेयर को निलंबित करने की सिफारिश की






बीकानेर। मेयर और सचिव के बीच विवाद में नया मोड़ आया है। सचिव हंसा मीणा की शिकायत पर जांच कर आयुक्त गोपालराम बिरदा ने मेयर को निलंबित करने की सिफारिश स्वायत्त शासन विभाग से की है।निगम कार्यालय में सचिव हंसा मीणा के कक्ष का ताला तोडक़र फाइलें निकालने के मामले को लेकर मीणा ने आयुक्त गोपालराम बिरदा सेशिकायत की थी। ऑडियो-वीडियो देखने और स्टॉफ से पूछताछ करने के बाद आयुक्त ने सचिव की ओर से लगाए गए आरोप सही माने हैं।जांच में माना कि मेयर ने बिना प्रक्रिया अपनाए व सक्षम स्तर से बिना स्वीकृति के ताले तोड़े।
सचिव के लिए जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने के मामले में आयुक्त ने माना सचिव के कक्ष में जाकर बैठना, अपने समर्थक पार्षदों कोबुलाकर हंगामा करना दुराचरण की श्रेणी में आता है। जांच में पूर्व उपायुक्त जगमोहन हर्ष के प्रकरण का भी हवाला देते हुए लिखा कि मेयर,उनके ससुर और पति पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं।इसलिए प्राप्त शिकायतों के आधार पर सरकारी पत्रावलियों की चोरी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, लोकसेवक के राजकीय कार्यमें बाधा पहुंचाने, पार्षदों की भीड़ एकत्र कर लोक सेवक हंसा मीणा पर अनावश्यक दबाव बनाने, डराने, धमकाने तथा जातिसूचक शब्दोंका उपयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है।
मेयर के खिलाफ संगीन धाराओ में एफआईआर भी कराई गई है। इस आधार पर आयुक्त ने मेयर को निलंबित करने की सिफारिश की है।गौरतलब है कि इससे पहले भी परिवार की दखलअंदाजी को लेकर मेयर को चेतावनी मिल चुकी है।


