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बीकाणा के चौपालों पर गणगौर महोत्सव की रंगत

विप्र सेना के प्रदेश महामंत्री रविन्द्र जाजड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि बीकानेर को छोटी काशी नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि यह हर दिन त्योहार की तरह मनाया जाता है इसी प्रकार अभी गणगौर का शहर पूरे में खूब हर्षोल्लास चल रहा है, आज पारम्परिक गणगौरी गीतों से घर-घर गूंज रहे है गंगाशहर नेमीचंद पंचारिया के घर गणगौर पूजन उत्सव में बालिकाएं व युवतियां अच्छे वर और अच्छे घर की कामना को लेकर मां पार्वती स्वरूप गणगौर का पूजन कर रही है घरों की छतों पर मिटटी के पालसिए में रखी होलिका दहन के राख से बनी पिंडोलियों का अबीर, गुलाल, इत्र, पुष्प से गणगौरी गीतों के गायन के बीच पूजन कर रही है। इस दौरान अबीर, गुलाल से विभिन्न प्रकार के चित्र भी बना रही है। गणगौर पूजन उत्सव के दौरान दांतणिया देने, घुड़ला घुमाने, गवर का बासा देने और गणगौर गोठों के आयोजन भी हो रहा है पूजन उत्सव की पूर्णाहुति पर गवर को पूगाने की रस्म होगी इस दौरान शहर में कई स्थानों पर मेले भरेंगे। गणगौर प्रतिमाओं का पूजन भी होगा इस कार्यक्रम में कंचन, खुसबू, सुमित्रा पंचारिया, कपिला जाजड़ा,अन्नपूर्णा, हनी,ऋषिका, कनिष्का, तन्वी,मीना,उन्नति,राधा,प्रियंका,जिया,गोरी,ज्योति आदि मौजूद रहे

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