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रंग बिरंगी रोशनी से नहाया शहर,जमकर हुई आतिशबाजी,हर्षोल्लास से मनाया पंच दिवसीय दीपोत्सव पर्व

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले भर में पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। झुग्गी झोपड़ी से राजमहल, थड़ी से डिपार्टमेंटल स्टोर तक सुख, सम्पति व समृृद्धि की देवी महालक्ष्मी, रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश, धन के देव कुबेर आदि देवों का पूजन किया गया। घरों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों में रंग बिरंगी रोशनी की गई, दीपमालिकाएं सजाई गई । शुक्रवार को घरों के मुख्यद्वार के आगे गोवर्धन पूजा की गई। भगवान कृष्ण के मंदिरों में अन्नकूट का भोग चढ़ाया गया। शनिवार को बहनों ने अपने भाईयों के तिलक लगाकर दीघार्यु की कामना की।
दीपावली के दिन गुरुवार को विभिन्न मुहूर्तों में सुविधा के अनुसार महालक्ष्मी के साथ बही खाता, तराजू, कलम, हस्तशिल्पियों ने अपने औजारों का पूजन किया। कई लोगों वेद पाठी ब्राह््मणों से पूजन करवाया वहीं अधिकतर लोगों ने पुस्तकों, यूट्यूब के सहयोग से पूजन किया। पूजा में कमल सहित विभिन्न तरह के पुष्प,इत्र, चांदी के सिक्के, धूप-दीप, मतीरा सहित विभिन्न तरह के ऋतुफल, इलायची व चीनी से बने मखाने, चीनी की चासनी से बनी बड़क, फूली, चना, काचर व बोर युक्त चबीनी, विभिन्न तरह की मिठाईयों का भोग महा लक्ष्मी के लगाया गया।
महालक्ष्मी मंदिरों में अभिषेक-पूजन- मुरलीधर व्यास कॉलोनी के सन्यास आश्रम, बड़ा बाजार घूमचक्कर के पास के पांच शताब्दी से अधिक प्राचीन महालक्ष्मी, बेणीसर बारी क्षेत्र के श्रीमाली समाज महालक्ष्मी मंदिर और दाऊजी मंदिर मार्ग के प्रकाश चित्र के सामने आदि स्थानों के महालक्ष्मी मंदिर में पूजा, अभिषेक विभिन्न तरह के महालक्ष्मी के स्तुति पाठ किए गए। मंदिरों में सजावट की गई।
महाकाली का पूजन-दीपावली पर बंगाली समाज के लोगों ने महालक्ष्मी के साथ महाकाली की पूजा की। बीकानेर बंगाली संस्थान, दुर्गाबाड़ी रानी बाजार के उपाध्यक्ष बबलू बंगाली ने बताया कि नवरात्रा के दौरान बनाई गई महाकाली की चार भुजावाली प्रतिमा का बंगाल से आए पंडित ने बांग्ला व संस्कृृत के दुर्गाशप्तशती व काली स्तोत्र के मंत्रों से पूजा करवाई। पूजा के बाद एक दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दी गई।

आतिशबाजी-दीपावली के दिन गुरुवार को शाम से सुबह तक लोगों ने जमकर आतिशबाजी । पिछले साल की तुलना में आतिशबाजी की सामग्री के भावों 20-से 30 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद लोगों ने हजारों रुपए बारुद छोडऩे के आनंद में गंवा दिए। बच्चों, महिलाओं के साथ कई बड़ी उम्र के लोगों में भी आतिशबाजी का शौक नजर आया। इस बार आतिशबाजी की परम्परागत सामग्री के साथ नए आइटम की भी बिक्री हुई। बच्चों की टिक्कडिय़ां व उसको छोडऩे वाली बंदूक नदारद रहीं उसकी जगत नई प्लास्टिक पैकिंग की 12 राउंड बंदूक की मांग अधिक रही। इस बंदूक में प्लास्टिक के गोल छल्ले में बारुद भरा था, जिसे बंदूक में डालने पर एक के बाद एक 12 बाद धमाकें होते हे।
गोवर्धनजी पूजा-दीपावली के दूसरे दिन शुक्रवार को महिलाओं ने अपने घर के मुख्यद्वार के आगे गाय के गोबर, लाल-सफेद मिट््टी से बनाएं गए स्थल पर गोबर का स्वास्तिक बनाकर, उसमें देशी घास बूर को रोपकर, धूप दीप से गोवर्धनजी की पूजा की। गोवर्धनजी के पास व घर के आगंन में रंगोली बनाई गई । मिठाई व प्रसाद चढ़ाकर भगवान श्रीकृृष्ण की गोवर्धन लीला के प्रसंग को स्मरण किया। भगवान श्री कृृष्ण के मंदिरों में अन्नकूट का भोग लगाया गया। अन्नकूट के भोग में परम्परागत ठोर, भात के साथ नाना प्रकार की सामग्री बनाकर चढ़ाई गई।
राम-राम, बधाईयों का दौर-
दीपावली के दूसरे शुक्रवार सुबह शुरू हुआ राम-राम व मोबाइल के माध्यम से बधाई देने का सिलसिला रात तक परवान पर था। दीपावली पर बधाई देने का दौर दो तीन दिन तक चलेगा। लोगों ने अपने से बड़ों के पैर छुए तथा आशीर्वाद लिया। एक दूसरे के घर जाकर भी दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुस्लिम, सिख व ईसाईयों ने भी हिन्दू भाइयों को दीपावली पर्व पर बड़ी संख्या में बधाई संदेश भेजे। कई मोबाइलों में तो इतने बधाई संदेश आएं की मोबाइल की स्टोरेज भी फुल हो गई उन्हें बिना देखे व पढ़े मजबूरीवश डिलिट किया गया।
 भाई बहन के प्यार का प्रतीक भाई दूज का त्योहार बड़े होर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर के विभिन्न मोहल्ले में बहनों ने अपने भाई के दीर्घायु की कामना की। इस त्योहार को लेकर जितना उत्साह बहनों में दिखा, उतना ही भाइयों में भी देखने को मिला। भाइयों ने भी अपनी बहनों को आकर्षक उपहार भी दिए।
कानून एवं व्यवस्था रही चाक चैबंध- जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दीपावली पर 144 धारा लगाने, एरिया मजिस्टेऊट, पुलिस के अधिकारी व महिला-पुरुष कानिस्टेबल की विशेष नफरी तैनात की । यातायात पुलिस कर्मियों ने प्रतिबंधित मार्गों पर भीड़ को नियंत्रित किया ।
महिला कांनिस्टेबल को हुई परेशानी-दीपावली पर कानून एवं व्यवस्था को बनाएं रखने के लिए तैनात बड़ी संख्या में महिला कानिस्टेबल को ड्यूटी के दौरान बाथरूम की सर्वाधिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। महिला कानिस्टेबल ने बताया कि हम पानी को मांग कर पी लिया लेकिन बीकानेर में सार्वजनिक स्थानों पर टॉयलेट नहीं होने से उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि बीकानेर ही एक ऐसा शहर है जहां बाजारों में महिला एवं पुरुष टाइयलेट की सुविधा नहीं है, जबकि राजस्थान के हर शहर में बाजारों में टायलेट की सुविधा है।
पुराने कपड़ों में भी खुश नजर आए गरीब-दीपावली पर लोगों ने जहां ब्रांडेड कपड़े, जूते व कपड़ों में हजारों रुपए व्यय किएं वहीं गई गरीब लोग ऐसे भी देखे गए जो कोटगेट के दूसरे फाटक के पास पुराने कपड़े खरीद कर खुश नजर आ रहे थे। करीब एक दर्जन से अधिक महिलाएं इस फाटक के पास बैठकर पुराने कपड़ो की बिक्री करती है, सर्वाधिक भीड़ गुरुवार को दीपावली के दिन नजर आई। मजदूर व अत्यन्त गरीब तबके के लोग पुरानी साडिय़ां, बच्चों के कपड़े व पुरुषों के कपड़े खरीद कर गौरव महसूस कर रहे थे। पुराने कपड़ा बेचने वाली महिलाओं ने भी अत्यधिक गरीबों की भीड़ को देखते हुए अधिक मुनाफा कमाने में कसर नहीं छोड़ी।

खूब चला जुएं का दौर-दीपावली के दिन गुरुवार व शुक्रवार राम राम के दिन जुएं का भी दौर खूब चला। पारीक चैक में सत्यनारायणजी के मंदिर के पास, दम्माणी चैक में घोड़ी व तास के जुएं में सुबह से देर रात तक हजूम नजर आया। शहर के अन्य कई मोहल्लों व घरों में भी दीपावली के दिन जुएं खेला गए। पुलिस के उडऩ दस्ते ने पारीक चैक सहित शहर के अन्य इलाकों में जुआरियों को पकडऩे के लिए दबिश भी दी, लेकिन कम ही जुआरी पुलिस की पकड़ में आएं।

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