रीट की परीक्षा पर पहली बोले मुख्यमंत्री, फिर से परीक्षा करवाने से किया इनकार - Khulasa Online रीट की परीक्षा पर पहली बोले मुख्यमंत्री, फिर से परीक्षा करवाने से किया इनकार - Khulasa Online

रीट की परीक्षा पर पहली बोले मुख्यमंत्री, फिर से परीक्षा करवाने से किया इनकार

जयपुर। हाल में आयोजित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में कथित धांधली को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पता है कि पास नहीं हो रहे वो लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं.
सीएम गहलोत ने कहा कि अगर भर्तियां अटकाएंगे तो फिर नौकरी कैसे मिलेगी? कोई बात है तो फिर स्ह्रत्र को सबूत दें, किसी को नहीं बख्शा जाएगा. अगर किसी सेंटर पर पेपर आउट की बात है तो हम उन सेंटर पर फिर से परीक्षा करवा देंगे. लेकिन लाखों बच्चों का भविष्य अधर में नहीं डाल सकते. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने फिर से परीक्षा करवाने से इनकार किया है.
कई लोग इसमें भड़काने वाले काम कर रहे:
उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा में प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की थी. सामाजिक संस्थाओं ने भी अपनी भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पहले ही कह दिया था कि जो भी कर्मचारी इसमें गलती करेगा, उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा. कई लोग इसमें भड़काने वाले काम कर रहे हैं. ऐसे में यदि किसी के पास कोई सबूत है तो वह स्ह्रत्र को सौंपे. इसमें स्ह्रत्र त्वरित कार्रवाई करेगी.
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत ने लखीमपुर की घटना की भत्र्सना करते हुए कहा कि प्रियंका, भूपेश बघेल को रोकना गलत है. इस तरह से नेताओं को रोकना अच्छी परंपरा नहीं है. हर बार यूपी में विपक्ष को रोक लिया जाता है. हमने तो राजस्थान में किसी को भी नहीं रोका. यूपी सरकार विपक्ष को पीडि़त परिवार से मिलने नहीं दे रही.
राजस्व कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर बोले ष्टरू गहलोत:
इसके साथ ही राजस्व कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार ने बड़ा अभियान चलाया है. ऐसे वक्त में तो सरकार व जनता के साथ खड़े रहना चाहिए. इस समय में कार्य बहिष्कार की बात करना कहां की समझदारी है. जिस अभियान में जनता को राहत मिलेगी, उस वक्त अपने हितों की बात की जा रही है. सरकार उनकी मांगों को लेकर भी संवेदनशील है. लेकिन सरकार मांगों का परीक्षण भी कराती है. अगर कार्मिक सरकार को ब्लैकमेल करने की सोच रहे हैं तो उनके नेताओं को सोचना चाहिए कि क्या यह उचित है? राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी अपील कर चुके हैं.

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