
विधानसभा में गूंजा खाजूवाला व श्रीडूंगरगढ़ का मामला






खुलासा न्यूज, बीकानेर। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आज सदन में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी और आरएलपी ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर सदन से वॉक आउट किया। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए खाजूवाला में पिछले दिनों युवती से रेप व हत्याकांड का मामला उठाया। वहीं, नोखा विधायक बिहारी बिश्नोई ने श्रीडूंगरगढ़ में गायब हुई नाबालिग स्कूली छात्रा व शिक्षिका का मुद्दा उठाया।
प्रदेश में लागू गहलोत पीनल कोड
स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में इंडियन पीनल कोड की जगह गहलोत पीनल कोड लागू है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गैंगस्टर्स की हिम्मत देखिए, मुझे और रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि को धमकियां दी जाती हैं। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर से रंगदारी वसूलने की कोशिश होती है। वहीं मुंडावर विधायक से रंगदारी वसूल कर ली जाती है। लेकिन, प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी फ्लॉप योजनाओं के वीडियो कॉन्टेस्ट कर रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि हम राजस्थान की जनता को सरकार का चेहरा दिखा रहे हैं। अगर सरकार पाक साफ है तो सदन में जोधपुर गैंगरेप, भरतपुर गैंगवार, हिंडौन में दलित युवती की हत्या सहित दौसा की घटनाओं पर सरकार जवाब दे। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में हर सप्ताह एक निर्भया कांड आकार ले लेता है। कभी बेटी को जला दिया जाता है, तो कहीं पर स्कूल में बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना होती है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि भरतपुर में एक गैंगस्टर को पुलिस की मौजूदगी में गोलियों से भून दिया जाता है। जबकि मृतक पहले ही लगातार अपनी जान को खतरा बता कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराने की अर्जी लगा रहा था। राठौड़ ने सवाल उठाया कि आखिर इस घटना के पीछे कौन शामिल हैं। इसका खुलासा होना जरूरी है।
विधायक ने श्रीडूंगरगढ़ का मामला उठाया और झूठे मुकदमें को वापस लेने की रखी मांग
नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा और श्रीडूंगरगढ़ में राजनैतिक दबाव में निर्दोष लोगों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमें को वापस लेने की मांग की। विधायक बिश्नोई ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ में 30 जून को 16 साल की छात्रा को समाज विशेष की अध्यापिका भगाकर ले जाती है। एक जुलाई को मुकदमा दर्ज होता है। पुलिस कोई ठोस कार्यवाही नहीं करने के कारण तीन जुलाई को श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के मौजिज लोगों द्वारा शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाता है। पांच जुलाई को पुलिस द्वारा लड़की को दस्तयाब करने की सूचना देने पर शांतिपूर्ण जूलूस निकालकर पुलिस का धन्यवाद ज्ञापित किया जाता है। विधायक बिश्नोई ने कहा कि पांच दिन बाद पुलिस द्वारा सरकार व राजनैतिक दबाव में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ राजमार्ग रोकने व राजकार्य में बाधा जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है। मुकदमें में लड़की की मां जो भर्ती थी, उसका भी नाम लिखा जाता है। श्रीडूंगरगढ़ के मौजिज लोगों ने इस सनसनीखेज मामले में जिले की कानून व्यवस्था ना बिगड़े उसे सहजने का कार्य किया। लेकिन उनकी आवाज दबाने के लिए, प्रताडि़त करने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमें में 20 जगह समाज विशेष की धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया है लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं था। सरकार से मांग है कि जनता की दी हुई ताकत से ही पुलिस भस्मासूर बनी है। अगर जनता जाग गई तो इस सरकार को भस्म कर देगी। सरकार जनता की परीक्षा नहीं ले। दर्ज झूठे मुकदमें को वापस लें। निर्दोष लोगों को डराना धमकाना बंद करें। विधायक बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बेपटरी पर है, अपराधी बेखौफ है, गैंगवार बढते जा रहे है, पुलिस अभिरक्षा में हत्या हो रही है, भरतपूर की टोल के पास की घटना और जोधपुर की घटना, करौली में दलित युवती के साथ गैंगरेप करके हत्या करना जैसी घटनाओं से सरकार की कानून व्यवस्था की स्थिति का पता चलता है। हाल ही में खाजूवाला में रक्षक ही भक्षक बन बैठे, पुलिस के लोगों ने ही दलित युवती का गैंगरेप करके उसे मौत के घाट उतार देते है। नोखा सहित बीकानेर जिले में चोरी के मामले बढ़ रहे हैं पर बरामदगी ना के बराबर है ।


