आ रही है जुए की बूम, दिपावली पर कई मोहल्लों में बिछती है बिसाते, बरसता है पैसा, जुआरियों का लगता है मेला पुलिस रहती मौन

आ रही है जुए की बूम, दिपावली पर कई मोहल्लों में बिछती है बिसाते, बरसता है पैसा, जुआरियों का लगता है मेला पुलिस रहती मौन

शिव भादाणी
बीकानेर। बीकानेर शहर ऐसे तो छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है लेकिन पिछले कुछ सालों से अगर देखा जाये तो शहर हवा ने रुख बदल लिया है अब शहर में युवा वर्ग ने जुए व नशे के कारोबार को इतना बढ़ा दिया कि अब अपराध में बड़ा कदम रख लिया है। शहर में 20 साल पहले फायरिंग व चाकूबाजी की घटना नाममात्र की सुनने को मिलती थी। लेकिन धीरे धीरे युवा वर्ग नशे की ओर चला तथा आईपीएल के दौरान बीकानेर शहर में सटोरियों ने जिस तरह से शहर को सट्टे में जकड़ा है उससे कई मां ने अपने बेटे तो बहनों ने अपने भाई व विवाहिताओं ने पति को खोए है। क्योकि सट्टा करने के लिए मोटे ब्याज पर सूदखोरों से पैसे लेने पड़ते है और वापस नहीं देने पर सूदखोर घरों पर जाकर धमकाते है महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते है जिससे तंग आकर आदमी मौत को गले लगा लेता है। ऐसे कई मामले बीकोन शहर के अंदर हो चुके है। पुलिस भी काफी प्रयास करती है इनको रोकने के लेकिन इनका नेटवार्क बहुत बड़ा है। जुआ अब हाईटेक हो गया है।
शहर में जुआरियों की बूम आ जायेगी
दीपावली नजदीक आते ही शहर भर में जुआरियों की बूम आ जायेगी और देर रात शहर प्रमुख चौक व पटों पर जुआरियों का जमावड़ा मिलेगा जहां घंटे पर लाखों रुपये इधर से उधर हो जााते है। अगर देखा जाये तो बीकानेर में दीपावली पर जुआ खेलने की परम्परा के चलते कई गली मोहल्लों में लोग जमकर जुआ खेलते हैं और प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद कोई रोकटोक नहीं है। वहीं बड़ी संख्या में लोग घरों में ही जुआ खेलते हैं। चिंता की बात ये है कि जुआरियों की इस भीड़ में कई यूथ भी शामिल हो जाते हैं जो दीपावली के बाद भी जुआ खेलने की गंदी लत लगा लेते हैं।
शहर के भीतरी क्षेत्र में दीपावली पर खुले आम जुआ खेलने के दृश्य आम होते हैं। एक वक्त था जब दम्माणी चौक में जमकर जुआ खेला जाता था लेकिन स्थानीय नागरिकों की सक्रियता के चलते यहां अब जुआ पहले की तुलना में बहुत कम हो गया। वहीं बिन्नाणियों के चौक में अब जुआ जमकर खेला जाता है। शाम से लेकर देर रात तक लोग यहां जुआ खेलते हैं। बिन्नाणी चौक से मोहल्ला चूनगरान की ओर जाने वाले रास्ते के बीच में ही बड़ी संख्या जुआरियों का जमघट लगा देखा जा सकता है। जिसमें आदतन जुआरियों के साथ ही युवा भी शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा जस्सूसर गेट, मोहता चौक, बड़ा बाजार नत्थूसर गेट, बारहगुवाड़ा, आचार्य चौक, सिंगियों का चौक सहित कई एरिया में लोग खुले आम जुआ खेलते देखे जा सकते हैं। नयाशहर थाने से महज पांच-सात सौ मीटर दूरी पर भी जुआरियों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। थाने के पीछे नत्थूसर बास से पहले चौक में बड़ी संख्या में जुआरियों का हुजूम लगता है। सिर्फ शहर के भीतरी क्षेत्र में ही नहीं बल्कि कॉलोनियों में भी दीपावली पर जुआ खेलने का सिलसिला चलता है।
छोटे से बड़ा हर दाव
ये जुआरी छोटे से बड़े हर दाव लगाते हैं। आमतौर पर नंबर पर जुआ खेला जाता है। इसके अलावा एक चौकी लगाकर उस पर जुआ खेला जाता है। दस रुपए से पांच सौ रुपए तक के दाव लोग खेलते हैं। दस मिनट के खेल में हजारों रुपए इधर से उधर हो जाते हैं।

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